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बीकानेर,बारह गुवाड़ चौक स्थित रमक झमक में चल रहे भैरव तुम्बड़ी महोत्सव के दूसरे दिन पूजन,मधु,डाफ पानी से अभिषेक के अलावा मुख्य रूप से भैरव सहस्रनामावली से अर्चन किया गया। अर्चन 52 भैरव के प्रधान पीठ पर भैरव सहस्रनाम से 1000 मोदक,इलायची,लौंग एवं उड़द की उड़द की पकौड़ी से अर्चन किया गया।तुम्बड़ी महोत्सव के प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने अर्चन से पूर्व 52 भैरव,क्षेत्रपाल 64 योगिनी की पूजा की गई।
अष्टोत्तर शतनाम पाठ
5 पंडितों ने श्रद्धालुओं तथा भक्तों के कष्ट हरने एवं खुशहाली की कामना के लिये 501 भैरव अष्टोत्तर शतनाम पाठ तथा भैरव कष्टहरम चण्डम प्रति चण्डम किया गया। इसके साथ भैरव भजनों गाए गए तथा संकट नाशक भैरव स्तोत्र का पठन भी किया गया।
संतो ने तुम्बड़ी की महिमा बताई
भैरव तुम्बड़ी महोत्सव में आज योगी विलासनाथ का सानिध्य रहा। उन्होंने तुम्बड़ी का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व बताया। उन्होंने कहा कि देवता,सिद्ध महात्मा अपने हाथ में तुम्बड़ी रखते थे। तुम्बड़ी स्वयं एक सिद्ध पात्र है।छोटुजी ओझा ने इसपर बनाई रचना में अन्तर्मन के भाव है जो सहज रूप से भैरव भक्तों की जुबान पर आ जाती है। उन्होंने धार्मिक मेलों पर ऐसे आयोजन को आध्यात्मिक एवं सामाजिक उमंग भरने वाला बताया।
नगर विद्यायक व्यास सहित अनेक गणमान्य शामिल हुए
तुम्बड़ी महोत्सव के दूसरे दिन के आयोजन में साक्षी अतिथि के रूप में नगर विधायक जेठानन्द व्यास शामिल हुवे। इस अवसर पर उन्होंने भैरव साधकों एवं मेलार्थियों पैदल यात्रियों को शुभकामनाएं दी।
महोत्सव में अनेक गणमान्य भी शामिल हुवे उनका कहना था कि ऐसे आयोजन ही बीकानेर को छोटी काशी का दर्जा दिलाए रखे है और शहर परकोटे में  ‘रमक झमक’ धार्मिक सास्कृतिक आयोजन का मुख्य मंच बन गया है,इसके लिये इसकी पूरी टीम धन्यवाद की पात्र है।
प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया कि कल भैरव तुम्बड़ी महोत्सव स्थल रमक झमक पर भैरव यज्ञ होगा।  जिसमें जन कल्याणार्थ विभिन्न प्रकार की विशेष आहुतियां दी जाएगी।

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