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बीकानेर,खबरों की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सूचना तंत्र का मजबूत होना अनिवार्य है। किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले कम से कम तीन अलग-अलग स्रोतों से क्रॉस-चेक करना चाहिए। यह सलाह वरिष्ठ पत्रकार नवीन शर्मा ने जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित रामपुरिया आईएमएस कॉलेज परिसर में पत्रकारिता पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन दी।

शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता में गोपनीयता बनाए रखना बेहद जरूरी है,क्योंकि एक पत्रकार की खबर का स्रोत उजागर होने पर उसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकती हैं। उन्होंने जोर दिया कि एक पत्रकार को कभी भी अपने खबर के स्रोत का खुलासा नहीं करना चाहिए। उन्होंने डिफेंस रिपोर्टिंग का एक संस्मरण साझा करते हुए बताया कि खबर लिखते समय सजगता और सतर्कता बेहद आवश्यक है।

कार्यशाला के तीसरे सत्र में न्यूज पोर्टल हरीश बी शर्मा ने इंटरव्यू विधा पर चर्चा की। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अमिताभ बच्चन और टॉम अल्टर जैसे दिग्गजों के साक्षात्कार के अनुभव साझा किए। हरीश बी शर्मा ने कहा कि एक साक्षात्कारकर्ता को हमेशा लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ बातचीत करनी चाहिए, और साक्षात्कार के लिए पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सवालों का ‘प्लान बी’ भी तैयार रखना जरूरी है ताकि किसी अप्रत्याशित परिस्थिति में भी साक्षात्कार को सही दिशा में मोड़ा जा सके।

फ्रीलांस पत्रकारों को सलाह देते हुए हरीश बी शर्मा ने कहा कि यदि आपके पास कोई ब्रांड नहीं है तो घबराएं नहीं। पत्रकार के हौसले और हुनर ही उसकी असली पहचान होती है। यदि आप खुद पर विश्वास रखते हैं, तो आप खुद एक ब्रांड बन सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों को अपनी गरिमा और सम्मान की रक्षा करना आना चाहिए, और उन्हें किसी का टूल नहीं बनना चाहिए। साक्षात्कार करते समय सवाल सीधे, तीखे, और सटीक होने चाहिए ताकि साक्षात्कार का उद्देश्य सफल हो सके।

इससे पूर्व तीन दिवसीय कार्यशाला के पहले सत्र में प्रेस छायाकार दिनेश गुप्ता ने लेंस विद विजन सत्र में फोटोग्राफी के अपने गहरे अनुभव साझा किए। उन्होंने पत्रकारिता के दृष्टिकोण से फोटोग्राफी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जिस तरह एक पत्रकार की कलम हमेशा सक्रिय रहती है, उसी तरह एक फोटोग्राफर का कैमरा भी हर क्षण क्लिक के लिए तैयार रहना चाहिए। गुप्ता ने बताया कि भले ही हमें किसी विषय विशेष का गहरा ज्ञान न हो, लेकिन सामान्य जानकारी होना आवश्यक है। यह सामान्य ज्ञान हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उन्हें तस्वीरों में कैद करने में मदद करता है। हमारे आसपास अक्सर ऐसे अनमोल क्षण आते हैं जो पूरी जिंदगी के लिए यादगार बन सकते हैं। यदि हम उन क्षणों को अपने कैमरे में सही समय पर कैद कर लें, तो वे तस्वीरें जीवनभर लोगों के जेहन में ताजा रहेंगी।उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दुर्घटनाएं, आयोजन, कलाकारों का प्रदर्शन, मौसम के बदलाव, असामान्य परिस्थितियां, और यहां तक कि दैनिक जीवन की छोटी-छोटी घटनाएं भी अनमोल क्षणों को जन्म दे सकती हैं। गुप्ता ने जोर देकर कहा कि एक अच्छे फोटोग्राफर को अपनी सोचने की क्षमता को निरंतर बढ़ाना चाहिए, ताकि वह जीवन के इन क्षणों को बेहतर ढंग से पकड़ सके।

इसके साथ ही, गुप्ता ने तकनीकी सवालों के भी जवाब दिए। उन्होंने कैमरों के प्रकार, विभिन्न प्रकार के लेंस, और लाइटिंग के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उनकी इस चर्चा ने उपस्थित छात्रों और नवोदित फोटोग्राफरों को फोटोग्राफी की बारीकियों को समझने में काफी मदद की। इस दौरान प्रत्येक सत्र के समापन पर सम्माननीय वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष आनंद आचार्य ने किया ।एसोसिएशन के उपाध्यक्ष योगेश खत्री ने बताया कि कार्यशाला के अंतिम दिन रविवार को लक्ष्मण राघव द्वारा टीवी रिपोर्टिंग पर, हिंदी के आचार्य डॉ ब्रज रतन जोशी भाषा पर तथा हरिशंकर आचार्य उपनिदेशक डीआईपीआर द्वारा मीडिया पंजीयन, एक्रीडियेशन तथा पत्रकारिता विषय को लेकर पत्रकारों से रूबरू होंगे।

कार्यशाला में सचिव विनय थानवी, कोषाध्यक्ष मनोज व्यास, राजीव जोशी, राजेश रतन व्यास, राहुल मारवाह, अजीज भुट्टा, सरजीत सिंह, राम रतन मोदी, वीरेंद्र आभाणी, यतींद्र चड्ढा, भवानी व्यास, उमेश पुरोहित, बलजीत सिंह गिल, जीतू बीकानेरी, मुरली देवड़ा, सुमेस्ता सुमित विश्नोई, प्रकाश श्यामसुखा, प्रमोद मोदी, के के आहूजा, विक्रम पुरोहित, सुनील शर्मा जयवीर सिंह, इमरान खान ने सहभागिता निभाई।

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