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बीकानेर, क्षेत्र में सर्दी की दस्तक के साथ ही कुरजा का आगमन शुरू हो गया हैं। वर्तमान में एक दर्जन कुरजां का दल गजनेर पैलेस झील के पास सेंचुरी में कंकरीले मैदानों में डेरा डाल लिया है।

गजनेर पैलेस स्वागत कक्ष प्रबंधक राजवीर सिंह राठौड़ व बोटमैन राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्ष क्षेत्र में अच्छी बरसात के चलते गजनेर पैलेस झील में किनारों तक पानी भरा हुआ है जिसके चलते

कुरजा ने ककरीले मैदानों में अपना डेरा डाला है। सदर्दी बढ़ने के साथ ही कुरजां की संख्या में बढ़ोतरी हो जाएगी। हर साल सितंबर-अक्टूबर में कुरजां के पहुंचने का सिलसिला शुरू होता है जो नवंबर अंतिम सप्ताह तक चलता है। कुरजां के अलावा डवचिक, इंपीरियल फैन, गॉन, स्टेपी इगल, ग्रीन लैंड, पीजन, वाटर क्रो, ग्रे हैरान, नार्दन पिटल होउबारा, बस्टर्ड, जैसे विदेशी देशी पक्षी प्रजाति के पक्षी गजनेर पैलेस झील पर पहुंचेंगे। पिछले तीन-चार सालों में पक्षियों के पहुंचने की संख्या में

लगातार कमी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों के अनुसार क्षेत्र में वाटर पॉइंट की संख्या बढ़ जाने से कुरजां रास्ते में ही रुक जाती है। फलौदी (खींचन) में कुरजां की संख्या ज्यादा रहती है। अल सुबह कुरजां झील से खाने की तलाश में नहरी सहित खेत ट्यूबवेलों की तरफ उड़ान भर लेती है। शाम को वापस झील के किनारे मैदानों में पहुंच जाती है कुरजां को खाने में चना सबसे अधिक पसंद है। क्षेत्र में बरसात के चलते इस बार कुरजां को खाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।

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