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बीकानेर,न्यायालय के आदेशों की पालना में सोमवार को बुलडोजरों का काफिला लेकर निकली प्रशासन की टीम ने शहर में नत्थुसर गेट से लेकर पुष्करणा स्टेडियम तक अतिक्रमणों का सफाया कर दिया। तीन घंटे चली इस कार्यवाही के दौरान प्रशासन की टीम ने बड़ी तादाद में अतिक्रमणों और अवैध कब्जो का सफाया किया। प्रशासन की इस कार्यवाही से रोड़ के दुकानदारों और मकान मालिकों में हडक़ंप सा मच गया। दरअसल,प्रशासन ने कार्यवाही से सप्ताहभर पहले ही दो बार मुनादी करवा दी थी कि जिन लोगों के अतिक्रमण चिन्हित किये गये है,वह अपने अतिक्रमण खुद ही हटा ले,लेकिन कई लोगों ने प्रशासन की मुनादी को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में सोमवार सुबह भारी पुलिस बल के साथ पहुंची नगर निगम और नगर विकास न्यास की टीम ने जेसीबी मशीनों से अतिक्रमणों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। इस दौरान कई लोगों ने प्रशासन की टीम पर तोडफ़ोड़ की इस कार्यवाही में भेदभाव का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया लेकिन प्रशासन के काफिले में शामिल पुलिस ने विरोध करने वालों को समझाइस कर शांत करवा दिया।

जानकारी में रहे कि बीकानेर के नत्थूसर गेट से जूनागढ़ तक जगह-जगह हुए अतिक्रमणों और कब्जों को हटाने के लिए अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने नगर विकास न्यास और नगर निगम को सख्त आदेश दिए थे। 15 जुलाई को दोनों विभागों को अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। आम लोगों को 15 जुलाई से पहले अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी गई थी। उम्मीद थी कि नत्थूसर गेट से शहर के भीतरी मोहल्लों में अतिक्रमण टूटेंगे,लेकिन प्रशासन ने इस अभियान को नत्थूसर गेट से अंदर के बजाय पुष्करणा स्टेडियम की ओर मोड दिया। इसके बाद नत्थूसर गेट से पुष्करणा स्टेडियम के बीच दर्जनभर दुकानों के आगे बनी चौकियां,फुटपाथ,शेड हटा दिए। मकान मालिकों ने अपने घर के आगे टेपर या फिर चौकी बना रखी थी, उसे भी हटा दिया गया।
*अवैध कब्जों के खिलाफ लगी थी याचिका
बीकानेर के नत्थूसर गेट क्षेत्र में सर्वाधिक कब्जे हो रहे हैं। यहां मुख्य बाजार पर दुकानदारों ने न सिर्फ अपनी दुकानों के आगे कब्जे कर रखे हैं बल्कि कुछ दुकानदारों ने विधानसभा चुनाव से पहले पक्का निर्माण कर लिया। त्यौहारों पर यहां दुकानदार अस्थायी कब्जे और बढ़ा लेते हैं। इससे आम लोगों के चलने के लिए बिल्कुल जगह नहीं होती। इस पर नत्थुसर गेट निवासी नृसिंह लाल किराडू और नत्थानियों की सराय बारह गुवाड़ निवासी हिमांशु व्यास ने न्यायालय जिला न्यायाधीश में एक वाद दायर किया था। इस वाद पर सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या पांच ने पंद्रह जुलाई तक सारे कब्जे हटाने के आदेश दिए थे।

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