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बीकानेर,दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में सत्ता निष्पक्ष और सकारात्मक पत्रकारिता को संरक्षण दें, प्रोत्साहित करें और आगे बढ़ाएं। सत्ता पत्रकारिता को पिच्छलगु और नियंत्रण में करने की कोशिश नहीं करें। मजबूत लोकतंत्र और सशक्त राष्ट्र के लिए निष्पक्ष और सकारात्मक पत्रकारिता ही बदले हालातो में सही विकल्प है। पत्रकारिता का समाज, राजनीति, बुद्धिजीवी वर्ग और युवा कर्तव्य पथ के हमराही बने। आज की पत्रकारिता अपना कर्तव्य पथ छोड़ती जा रही है और आलोचना के घेरे में है। यह बात आयोजन की प्रस्तावना में कही गई। जिसकी ताईद देश की तीन मोटिवेशनल हीरो सारिका सिंह, सीनियर जर्नलिस्ट, BBC, श्याम सुंदर पालीवाल, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता, पिपलांत्री और रौशन नागर मोटिवेशनल स्पीकर ने रविंद्र रंगमंच पर हुए पहले ऑफलाइन एक्सेस टॉक कार्यक्रम में की। बीकानेर में आयोजित इस कार्यक्रम में इन नेशनल लेवल के 3 स्पीकर्स ने अपनी संघर्षों से भरी कहानी से यूथ और पब्लिक को मोटिवेट किया। इन तीनों की कहानी बहुत प्रेरणास्पद और युवाओं में चर्चित रही है। यही वजह है कि इन्हें देशभर में लाखों लोग पसंद करते हैं। Khabar update ने हमेशा ‘लीक से हटकर’ काम करने की कोशिश की #positivejournalism की उन्हीं कोशिशों में से एक का नाम है Success-Talks. जिसमें हम देशभर से ऐसे ‘कोहिनूर’ चुनकर लाते हैं, जिन्होंने संघर्षों में तपकर एक मुकाम हासिल किया हो। जिनसे युवा प्रेरित हो सके।
इस कार्यक्रम में झुझारू नेता देवी सिंह भाटी, पूर्व गृहराज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल, विधायक जेठानंद व्यास, पूर्व
आर.के. दास गुप्ता, ब्रह्म कुमारी कमला बहिन, डा. ओ.पी. श्रीवास्तव, पूर्व न्यास अध्यक्ष मकसूद अहमद, प्रो वाइस चांसलर डा. हेमंत दाधीच, व्यापारिक संगठनों से जय प्रकाश अग्रवाल, डा.एम. साबित समेत विभिन्न क्षेत्र के प्रतिनिधि लोगों ओर युवाओं ने शिरकत की। कार्यक्रम के प्रारंभ में डोक्यमेंट्री के जरिए पत्रकारिता में खबर अपडेट के नवाचारों को दिखाया गया कि 2021 से लेकर अब तक Success Talks पर हम ‘दर्ज़नों कहानी, ऐसे रीयल हीरोज की जुबानी’ सुनवा चुके हैं। इनमें पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों से लेकर कई बड़े IAS अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। सुमित शर्मा ने बताया कि Success Talks को ऑफलाइन भी आयोजित करने का यह पहला कार्यक्रम हैं। ताकि ऑडियंस अपने चहेते रीयल हीरोज से रू-ब-रू हो सकेंगी। इसकी शुरुआत ‘बीकानेर’ से की हैं, बाद में इसे देश के अन्य शहरों तक भी ले जाने का मानस है।
डॉ. श्याम सुंदर पालीवाल को बेटी, जल, जंगल, गोचर और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए साल 2021 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पालीवाल श्रोताओं को अपने जीवन की संघर्ष और सफलता की कहानी बताई और श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। वहीं बिहार की एक छोटी सी जगह से निकलकर BBC न्यूज़ का सफ़र तय करने वाली सारिका सिंह की राह में कई पथरीली पगडंडियां और कांटे थे। यहां तक कि वो एक गंभीर बीमारी से इतनी पीड़ित हो गईं कि उन्हें पत्रकारिता बीच में छोड़नी पड़ी। लेकिन सारिका सिंह नहीं, डटी रहीं। एक समय बाद उन्होंने न सिर्फ बीमारी को मात दिया बल्कि फिर से करियर की शुरुआत की। कई बरसों के संघर्ष के बाद आज सारिका BBC News में जिस मुकाम पर है, वो किसी प्रेरणा से कम नहीं है। सारिका सिंह ने पत्रकारिता के मूल्यों और खुद के मुकाम हासिल करने का प्रेरणास्पद वृतात सुनाया। युवाओं और राजनीतिक लोगों के सवालों के जवाब दिए।इसी तरह रौशन नागर के जीवन को भी एक हादसे ने पलट कर रख दिया। उनको 36,000 वॉल्ट का करंट लगा, जिसके बाद उनके दोनों हाथ और एक पांव काटना पड़ा। फिर शुरू हुआ अज़ीयतों का दौर। कोई और होता तो टूट जाता लेकिन रौशन अटूट रहे। बिन हाथ-पैर के भी उन्होंने जो मुकाम पाया है, वो औरों के लिए एक मिसाल बन गया। श्रोताओं ने नागर के जीवन संघर्ष का तालियों से आत्मसात किया। इस मौके पर देवी सिंह भाटी ने प्रेरणा और जोश देने वाली कविता सुनाई। अतिथियों का सम्मान किया गया।

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