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बीकानेर,। डेंगू सिरदर्द बना हुआ है, जिससे जुड़ी एक और समस्या गहरा रही है। यह है शरीर में विटामिन बी-१२ की कमी। विटामिन बी, डी व कैल्शियम की कमी बच्चों को कमजोर कर रही है। शिशु अस्पताल की ओपीडी इन दिनों एक हजार के करीब पहुंच गई है। ओपीडी में हर दिन सात से आठ डेंगू पीडि़त बच्चे आ रहे हैं। वही हर दूसरा व तीसरा बच्चा विटामिन की कमी का शिकार है।

एक बेड पर दो-दो बच्चे
बुखार, डेंगू व मलेरिया के चलते के चलते शिशु अस्पताल में रोगियों की भरमार है। अलसुबह से अस्पताल की ओपीड़ी में सैकड़ों बच्चों के परिजनों की कतार लगी रहती है। हालात यह है कि सोमवार को शिशु अस्पताल में पर्ची काउंटर से लेकर चिकित्सक कक्ष, ओपीडी भवन में भारी भीड़ थी। वार्डों में एक-एक बेड पर दो-दो बच्चे। कुछ ऐसे ही हालात पीडियाट्रिक आइसीयू के थे।

हर दिन बढ़ रहा ओपीडी
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप बिठू ने बताया कि रविवार व सोमवार दो दिन का ओपीडी १४९४ रहा। वहीं १७३ बच्चों को भर्ती किया गया है। भर्ती होने वालों में १६ डेंगू पीडि़त है। ७१ बच्चे ऐसे अस्पताल पहुंचने जिनकी रिपोर्ट में डेंगू नहीं है लेकिन लक्षण डेंगू के समान है। पिछले चार-पांच दिन से हालात यह है कि ओपीडी भी ८५० से ९०० है। भर्ती भी ८० से ९० बच्चे हो रहे हैं। बच्चों में विटामिन डी की कमी एवं कैल्शियम की कमी होने से कंपकंपी और कमेड़े आने लगते हैं। इन दिनों इस तरह के बच्चे भी आ रहे हैं।

वार्डों में चिकित्सकों की ड्यूटियां बढ़ाई

मौसम बदलाव के समय वायरल के रोगी बढ़ते हैं। डेंगू, मलेरिया व सामान्य बुखार के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों के बच्चे आ रहे हैं। प्लेटलेट्स भी कम होने वाले मरीज है। मरीजों के बढ़ते भार को देखते हुए वार्डों में चिकित्सकों की ड्यूटियां बढ़ाई गई है। दवा, जीवनरक्षक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था है।
डॉ. रेणु अग्रवाल, विभागाध्यक्ष शिशु अस्पताल

बचाव के उपाय
– दूध, नारियल पानी, नींबू पानी एवं सादा पानी खूब पिलाएं

– बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं
– छाछ

– पतली दाल और दलिया खिलाएं

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