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बीकानेर,आर्थिक चिंतक,विश्लेषक और आर्थिक-व्यावसायिक पत्रिका “मरु व्यवसाय चक्र” के संपादक प्रोफेसर डॉक्टर अजय जोशी के अनुसार वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट सरकारी कर्मचारियों और मध्यम वर्ग की दृष्टि से बेहद निराशाजनक है।कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन को लागू करने या एनपीएस में न्यूनतम पेंशन की गारंटी की मांग कर रहे थे। इस हेतु उन्होंने बड़े बड़े आंदोलन भी किए। सरकार ने इस संबंध में एक कमेटी का गठन भी किया। कमेटी ने लंबे समय बाद दी गई अपनी रिपोर्ट में अंतिम मूल वेतन के पचास प्रतिशत गारंटेड पेंशन देने की सिफारिश भी की।सरकार ने विभिन्न स्तरों पर पेंशन सुधार हेतु आश्वासन भी दिए गए लेकिन बजट में इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई।बजट इस संबंध में केवल एक मात्र घोषणा यह थी कि एनपीएस में नियोक्ता का अंशदान 10 प्रतिशत से 14 प्रतिशत किया जाएगा। एनपीएस में नियोक्ता का 14 प्रतिशत अंशदान कई राज्य सरकारों द्वारा पहले भी किया जा चुका है। पेंशन के अतिरिक्त कर्मचारी वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होता वह आय कर है क्योंकि उसके वेतन में से आयकर की कटौती पहले ही कर ली जाती है। आयकर में भी कर्मचारी वर्ग को मिली छूट नाम मात्र की है।

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