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बीकानेर,गौरक्ष सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन राकेश भाई पारीक ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। गौरक्ष धोरा श्रीनखत बन्ना मंदिर में हर व्यक्ति को कम से कम दो वृक्ष लगाने और उनकी सार-संभाल करने का जिम्मा लेने का आह्वान किया गया। उल्लेखनीय है कि गौरक्ष धोरा गोचर भूमि क्षेत्र में योगी रामनाथजी महाराज की प्रेरणा से सैकड़ों पेड़ लगे हुए हैं। कथा वाचक राकेश भाई पारीक ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों का कल्याण करने के लिए आते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। देवकी को तीन जन्म तक पुत्र बनने का वरदान दिया था इसलिए भगवान देवकी के पुत्र बने, जन्म लेते ही भगवान मथुरा में गोकुल चले गए और गोकुल में जाकर भगवान ने गाय बछड़े चराए, माखन चोरी की। कथा के दौरान छोटे-छोटे बच्चों को पीले वस्त्र पहन कृष्ण का रूप धरे सजीव झांकी प्रस्तुत की गई। भगवान का मथुरा आना और अनेक दुष्टों का संहार करते हुए कंस वध व धर्म की स्थापना का वर्णन किया गया। राकेश भाई पारीक ने बताया भगवान कृष्ण की एक-एक लीला गृहस्थ के लिए उपयोगी है इसलिए अनुसरण करना चाहिए। छठे दिवस श्रीकृष्ण-रुक्मणी के विवाह तक का वृतांत सुनाया। आयोजन से जुड़े प्रवीण भाटी ने बताया कि शनिवार को कथा का विश्राम होगा। पूर्णाहुति यज्ञ व प्रसादी का आयोजन तथा रात्रि में जागरण होगा। रविवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव में चरण पादुका पूजन, अभिषेक, हवन एवं सत्संग व प्रसादी का आयोजन होगा।

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