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बीकानेर,राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण हेतु राजस्थानी युवा समिति के प्रमुख और शिक्षाविद राजवीर सिंह चलकोई ने राजस्थान के समस्त महाविद्यालयों एवं विश्व विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य से स्नातकोत्तर ( एम ए) करने वाले विद्यार्थियों को सम्पूर्ण शुल्क स्वयं देने की घोषणा की है ।
नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में शिक्षा लेना विद्यार्थी का अधिकार है लेकिन राजस्थानी भाषा को राज भाषा का दर्जा नही मिला है और ना ही इसे आठवींअनुसूची में स्थान मिला है इसलिए चलकोई का उद्देश्य है कि प्रत्येक विद्यार्थी अपनी मातृ भाषा को पढ़े और राजस्थानी भाषा का विकास हो ।

राजस्थानी युवा समिति के संस्थापक हिमांशु शर्मा ने बताया की राजस्थानी भाषा बहुत ही समृद्ध भाषा है इसका इतिहास और साहित्य बहुत प्राचीन है । आज के युवा अपनी मातृ भाषा को भूल रहे है चलकोई के इस प्रयास से राजस्थानी भाषा आंदोलन को मजबूती मिलेगी ।
समिति के राम अवतार उपाध्याय ने बताया की महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में राजस्थानी विभाग एस एफ एस के रूप में पिछले 6 सालो से चल रहा है जिसकी 2 साल की एम ए की फीस 15 हजार रुपए है हर साल आवेदन तो बहुत आते है पर फीस ज्यादा होने की वजह से छात्र एडमिशन लेने से वंचित रह जाते है इस बार राजस्थानी युवा समिति की इस पहल से राजस्थानी भाषा को मजबूती मिलेगी । महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में एम ए के आवेदन शुरू हो गए है जिसकी अंतिम तारीख 21 जुलाई है ।
राजस्थानी मोटियार परिषद बीकानेर के हरी राम विश्नोई ,गौरीशंकर प्रजापत ,नमामी शंकर आचार्य ,राजेश चौधरी ,प्रशांत जैन ,हिमांशु टाक , कमल मारू ,मदन दान दासूडी ,एड राजेश बिश्नोई , राजू नाथ , सुमन शेखावत , अजय कंवर आदि ने राजवीर सिंह चलकोई का आभार जताया ।
*संपादक महोदय जी सदर प्रकाशन*

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