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बीकानेर,भीनासर स्थित श्रीनखत बन्ना मंदिर, गौरक्ष धोरा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिवस कथा सुनने श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ आया। कथावाचक राकेश भाई पारीक ने बताया कि राजा परीक्षित पूछते हैं कि मरणासन्न को क्या करना चाहिए? तो सुखदेवजी महाराज राजा परीक्षित को संबोधित करते हुए कहते हैं शरीर मरण धर्मा है पर मैं आत्मा हूं। इस चीज का बोध जीव के लिए कल्याणकारी होता है जिसे आत्मबोध हो जाए जन्म और मरण हमेशा के लिए छूट जाता है। ऐसी आत्मबोध की चर्चाएं करते हुए राजा परीक्षित को सृष्टि का वर्णन सुनाया। इसी सृष्टि में भगवान का वराह अवतार हुआ, मानसी सृष्टि में भगवान कर्दम ऋषि के घर पुत्र बनकर आए, कपिल भगवान कहलाए कपिल भगवान ने अपनी मां देवहूती को तत्व योग और सांख्य योग पढ़ाया। जिससे मां की मुक्ति हो गई। कथावाचक राकेश भाई पारीक ने आह्वान किया कि गुरु पूर्णिमा के उत्सव में सब लोग तन-मन-धन से सहयोग करें और कार्यक्रम को सफल बनाएं। श्रीनखत बन्ना मंदिर, गौरक्ष धोरा के पीठाधीश्वर योगी श्रीरामनाथजी महाराज ने बताया कि 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर विशेष हवन एवं महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा। गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम सुबह लगभग 8 बजे प्रारंभ हो जाएगा। आयोजन से जुड़े प्रवीण भाटी ने बताया कि विभिन्न स्थानों से बस सेवा नि:शुल्क प्रदान की गई है तथा सुबह 10 से सायं 4:30 बजे तक कथा का समय रहता है।

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