बीकानेर, बरसाती जल की एक-एक बूंद का संग्रहण और संरक्षण आज की महत्ती आवश्यकता है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की दूरगामी सोच की बदौलत प्रदेश भर में अनेक कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। बीकानेर जिले में इस अभियान के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा योजना के जल संरक्षण के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
जिला कलेक्टर और मनरेगा की जिला कार्यक्रम समन्वयक नम्रता वृष्णि ने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के फेज-1 के अन्तर्गत मनरेगा में जल संरक्षण के आधारभूत ढांचे तैयार हो रहे हैं। अब तक यह बरसाती जल को सहेजने में कारगर साबित हुए हैं। उन्होंने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को जल आत्मनिर्भर बनाना है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 के तहत जिले के चयनित 25 गांवों में मनरेगा के तहत जल संरक्षण के 361 कार्यो के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन सभी की स्वीकृति जारी कर दी गई। अब तक इनमें से 157 कार्य पूर्ण हो गए हैं और 204 कार्य प्रगतिरत हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिले में अब तक अच्छी बारिश होने से सभी पूर्ण ढांचों में पर्याप्त वर्षा जल आ चुका है, जो आमजन व पशुओं के लिए वर्ष पर्यन्त उपयोगी रहेगा। उन्होंने बताया कि एमजेएसए. 2.0 के प्रथम फेज में चयनित ग्राम पंचायतों में लगभग 10 करोड़ 12 लाख के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 157 पूर्ण कार्यों पर 4 करोड़ 19 लाख रुपए व्यय हुए हैं।
मनरेगा के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक और सीईओ जिला परिषद सोहन लाल ने बताया कि मनरेगा के स्वीकृत कार्यों में बड़ी संख्या में जलकुंड बनाए गए है। जल संरक्षण के ढांचें जिले में के चयनित गांवों में लगभग एक करोड़ लीटर बरसाती जल का संरक्षण करेंगे और इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। इन जल संरक्षण ढांचों के पास पौधारोपण के माध्यम से हरयालो राजस्थान की संकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि एमजेएसए 2.0 के द्वितीय फेज के तहत आगामी परियोजनाओं का चयन प्राथमिकता से किया जा रहा है।