
बीकानेर,बीकानेर में नगर निगम बने हुवे लगभग 17-18 साल हो गये किन्तु आज भी बीकानेर शहर विशेष कर नगर निगम क्षेत्र उस कहावत को चरितार्थ करता हैँ “” अंधेर नगरी चौपट राजा, यह नजारा देखना हो तो बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में आजा l बीकानेर सेवा योजना क़े अध्यक्ष राजकुमार व्यास ने बताया इसका मूल कारण वार्डो का गलत सीमांकन और परिसिमन l व्यास ने कहाँ यहां का वार्ड सीमांकन बड़ा ही अजीबो गरीब हैँ उदाहरण वार्ड 58 जिसका सीमांकन अंग्रेजी का W हैँ इस तरह हैँ इस वार्ड क़े बीच बीच में वार्ड 74 को डाला गया हैँ उत्तर साइड में 58 फिर 74 फिर 58 फिर 74 और फिर दक्षिन में 58 एक ही गली का एक तरफा 58 दूसरा तरफा 74 ऐसी स्थिति में दो मामो क़े भांजे (उस गली क़े निवासी )उपेक्षित रहते हैँ l यही कमोबेश स्थिति वार्ड 57,74 की हैँ l दूसरी समस्या हर पांच साल से लॉटरी द्वारा परिसिमन l इसके कारण जीता हुआ प्रत्याशी मात्र इसलिए निष्क्रिय रहता हैँ कि उन्हें ये पता रहता हैँ कि अगले परिसिमन में ये वार्ड लॉटरी से बदलना तय हैँ, मुझे इन्ही लोगो क़े बीच जाना नही ऐसी स्थिति में अधिकतर पार्षद बेपरवाह ( निष्क्रिय ) रहते हैँ जबकि विधानसभा, लोकसभा की भांति इन वार्डो का परिसिमन भी 25 साल से होना चाहिये, ताकि संबंधित पार्षद को चुनावों में वोट का भय रहे l अगर दोनों उपरोक्त वर्णित तथ्यों पर सरकार विधायक, सांसद ध्यान दे तो निश्चित तौर पर बीकानेर का सर्वागिन विकास होगा l