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बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी व साध्वीवृंद के सान्निध्य में शनिवार को शिवबाड़ी के श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में शनिवार को भक्ति संगीत के साथ जिन बिम्बों की पूजाएं हुई। भगवान पार्श्वनाथ के दीक्षा कल्याणक व जलयात्रा विधान के उपलक्ष में (वरघोड़ा) शोभायात्रा निकली। गाजे बाजे से निकली शोभायात्रा में बीकानेर के साथ देश के विभिन्न इलाकों से आए श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुई।
रविवार को सुबह शुभ लग्नांश वेला में परमतारक परमात्मा, गणधर, दादा गुरुदेव, सह देव-देवी की मंगलमय प्रतिष्ठा, सुवर्ण कलश, शिखरोपरि ध्वजारेहण, तोरण स्थापना, माणक स्तंभारोपण, अभिनंदन समारोह व गुरुदेव की महामांगलिक तथा फले चुंदड़ी उत्सव होगा। सोमवार को सुबह मंदिर के द्वार का उद्घाटन,सतर भेदी पूजा, दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा होगी। शाम को प्रभु भक्ति में ब्यावर के अरिहंत कांकरिया भजन प्रस्तुत करेंगे।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री पार्श्वनाथ जिन मंदिर जीर्णोंद्धार समिति व अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव समिति व जिनेश्वर युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय महोत्सव में आचार्यश्री, मुनिवृंद व साध्वीवृंद सुप्रसिद्ध विधिकारक शासन रत्न बाबूलाल मनोजकुमार हरण के नेतृत्व में जिन प्रतिमाओं की अंजनशलाका व प्रतिष्ठा होगी।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के अध्यक्ष राय सिंह खजांची ने बताया कि शनिवार को देव-देवी पूजन, हवन, परिकर विधान, प्रतिष्ठा संबंधी चढ़ावें, अधिवास, अंजनशलाका, केवलज्ञज्ञन-निर्वाण कल्याणक सह अंजन के बाद प्रथम दर्शन, श्री नाकोड़ा पार्श्व भैरव महापूजन तथा शाम को उज्जैन से आए श्री पार्श्वकला मंडल के दो दर्जन कलाकारों की टीम ने भगवान पार्श्वनाथ के जीवन आदर्शों पर आधारित नाटक की प्रस्तुति दी। नाट्य निर्देशक सतीश दवे ने बताया कि डेढ़ घंटें की प्रस्तुति में भगवान पार्श्वनाथ चव्यन कल्याणक, जन्म, केवल ज्ञान, दीक्षा कल्याणक के बारे में रोचक व प्रभावी संवादों के माध्यम से प्रस्तुति दी गई।
शोभायात्रा में देव, गुरु व धर्म का जयकारा
श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर से निकल कर वापिस गंतव्य स्थान पर पहुंचे वरघोड़े में सजे संवरे ऊंट, घोड़े, बैंड पार्टी, ढोल व शहनाई पार्टी, कलश लिए मंगल गीत गाते श्राविकाएं, देव गुरु व धर्म के नारे लगाते श्रावक शामिल हुए। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ व मंत्री मनीष नाहटा के नेतृत्व में युवाओं की टीम एक सी पोशाक में साफा पहने, दुपटा लगाएं हुए चल रही थी। तीन रथों पर परमात्मा की प्रतिमा लिए हुए उनके सांसारिक परिजनों के स्वरूप में संघवी राजेन्द्र लूणिया परिवार की शशि,कृष्ण-अंजू, अनुपम लूणिया, ऋचा व गौरव धूपिया सवार थे।
मंदिर निर्माण में सहयोगियों का स्मरण
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी ने शनिवार को अस्थाई रूप् से स्थापित वाराणसी नगर के सत्संग पांडाल में मंदिर निर्माण में परोक्ष अपरोक्ष रूप् से सहयोग करने वाले स्वर्गीय नेम चंद खजांची, स्वर्गीय थानमल बोथरा व स्वर्गीय भीखमचंद बरड़िया सहित श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री पार्श्वनाथ जिन मंदिर जीर्णोंद्धार समिति, अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव समिति, श्री जिनेश्वर युवक परिषद व श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के सहयोग की अनुमोदना की। बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर म.सा. ने कहा कि बीकानेर की गौरव, महामांगलिक प्रदात्री विचक्षण ज्योति प्रवर्तिनी चंद्र प्रभा श्रीजी की प्रेरणा से भव्य मंदिर का जीर्णोंद्धार व नव निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। उन्होंने भांडाशाह सहित बीकानेर में जैन मंदिर बनाने वालों का स्मरण करते हुए कहा कि धन व सम्पति के अर्जन के साथ देव,गुरु व धर्म के कार्यों में विसर्जन से पुण्यों की प्राप्ति होती है। उन्होंने देश विदेश में 2500 जैन मंदिरों की प्रतिष्ठा करवाने वाले शासन रत्न मनोज कुमार बाबूलाल हरण, श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर के इंजीनियर व वास्तुकार अहमदाबाद के पुरोहित कमलेश भाई, उड़ीसा, मकराना, धोलपुर च बीकानेर के कामगारों को आशीर्वाद देते हुए कार्य की अनुमोदना की ।
नौ प्रमुख जिन बिम्बों के साथ मंगलमूर्तियों की प्रतिष्ठा
श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक ललित नाहटा, पवन पारख, गणेश बोथरा, महावीर सिंह खजांची, महावीर नाहटा, नरेन्द्र मनु मुसरफ, कमल बरड़िया, सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा के साथ विभिन्न कमेटियों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सभा में रविवार को होने वाली प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा में श्रावक-श्राविकाओं से अधिकाधिक भागीदारी की अपील की तथा महोत्सव की विभिन्न व्यवस्थाओं को पूर्ण रूप् दिया।
नाहटा ने बताया कि सात गुम्बज के सफेद संगमरमर के मूलनायक श्री भगवान गंगेश्वर पार्श्वनाथ के मंदिर में मुख्य गर्भगृह में प्रतिमा के दोनों ओर, गृभगृह के बाहरी मंदिरों में परिकर के साथ जिन प्रतिमाओं को स्थापित किया जाएगा। मंदिर में भगवान आदिनाथ, भगवान महावीर स्वामी की 27 इंच की सफेद संगमरमर की, श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ की 21 इंच की फण सहित प्रतिमा, अनंत लब्धि निधान गणधर श्री गौतम स्वामी, मणिधारी दादा श्री जिन चन्द्र सूरीजी, नाकोड़ा भैरव, श्री पद्मावती माता की 21-21 इंच की, अंजन के लिए भगवान पार्श्वनाथ की 9 इंची, श्री शांतिनाथ पंचतीर्थी, श्री सिद्धचक्र यंत्र, श्री अष्ट मंगल पाटली (पंच धातू) , जिनालय के लिए 15 प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा व अंजनशलाका का विधान किया जा रहा है। मंगल मूर्तियों में गणधर गौतम स्वामी, दादा जिन चन्द्र सूरी नाकोड़ा भैरव, देवी पद्मावती की शामिल है।
ये पहुचें अतिथि
श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए अखिल भारतीय खरतरगच्छ संघ अध्यक्ष मुंबई के रिखबचंद झाझू, डालमिया सिमेट के निदेशक महेन्द्र सिंघी, अखिल भारतीय खरतरगच्छ संघ के पूर्व अध्यक्ष पदमचंद नाहटा, मालवा, उज्जैन खरतरगच्छ संघ के बसंत श्रीमाल, महेन्द्र गादिया, बालाघाट के अभय सेठिया, राजेन्द्र बोथरा अमेरीका से वयोवद्ध श्राविका श्रीमती आशादेवी खजांची, सहित देश के विभिन्न इलाकों से आए संघो, जैन मंदिर, दादाबाड़ी के पदाधिकारी व प्रतिष्ठा के विभिन्न कार्यक्रमों के लाभार्थी पहुंचे है।

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