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बीकानेर,टोल प्लाजा पर लगनेवाली वाहनों की लंबी कतारों से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने ‘ फास्टैग’ सुविधा लागू की। यह सुविधा समय की बचत व सुरक्षा के लिहाज से लागू की गई।आजकल अमूमन हर वाहन पर ‘फास्ट टैग’ क्यूआर स्टिकर लगा होता है।टोल प्लाजा पर लगे कैमरे से स्वतः स्कैन होकर उचित राशि कट जाती है।ऐसी इसकी प्रक्रिया हैं।लेकिन देशनोक-नोखा के बीच राजमार्ग पर स्थित पारवा टोल प्लाजा का एक अद्भुत चमत्कार सामने आया है।देशनोक निवासी संतोष की घर मे खड़ी एक कार का फास्टैग खाते से टोल राशि काटने का मैसेज कार मालिक के मोबाइल पर आया हैं।कार मालिक के अनुसार गाड़ी कई दिनों से गैराज में खड़ी हैं।

अब यहां बड़ा गंभीर सवाल खड़ा होता हैं।ऑनलाइन क्यूआर कोड स्कैन होने के बाद राशि कटती हैं वो भी तब जब गाड़ी टोल प्लाजा के कैमरे के सामने हो।तो फिर घर पर खड़ी गाड़ी का टोल फास्टैग खाते से कैसे कटा?कोई ऑनलाइन फ्रॉड तो नहीं ?क्योंकि आजकल ऑनलाइन ठगी के गैंग हर क्षेत्र में सक्रिय हैं।आए दिन ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सामने आते हैं।लेकिन घर पर खड़ी गाड़ी का ऑनलाइन फास्टैग खाते से टोल राशि का कटना टोल प्लाजा की साख व प्रक्रिया दोनों पर सवाल खड़े होते हैं।पुलिस द्वारा साइबर ठगी के खिलाफ चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के लिए भी एक नई चुनौती हैं।

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