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बीकानेर, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने शनिवार को पांचू के ढींगसरी में मनरेगा के कार्य का निरीक्षण किया। यहां नाडी खुदाई पर नियोजित श्रमिकों के पास औजार नहीं होने और कार्यों का नाप-झोख के साथ वितरण नहीं होने को उन्होंने गंभीरता से लिया और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मौके से ही फोन कर निर्देश दिए कि जिम्मेदार कार्मिक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। जिला कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान पाया कि यहां 42 श्रमिकों ने हाजरी की। इनमें से 41 मौके पर थे। वहीं 8 महिला और 3 पुरुष श्रमिकों के पास औजार ही नहीं थे। कार्य को अलग-अलग माप में वितरित नहीं किया हुआ था। यह कार्य 1 जून से चालू हुआ लेकिन 8 दिन बीत जाने के बावजूद इसमें आशातीत प्रगति नहीं दिख रही थी। इस पर जिला कलेक्टर ने नाराजगी जताई और सख्त हिदायत दी कि मनरेगा के कार्यों में किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं हो। जिम्मेदारी अधिकारी कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग करें। पर्यवेक्षण में किसी प्रकार की कमी नहीं रहे। इस दौरान उन्होंने पौधारोपण भी किया और लगाए गए पौधों की देखभाल करने के निर्देश दिए। श्मशान गृह में शेड और ब्लॉक निर्माण कार्य को देखा। कचरा संग्रहण केन्द्र के निर्माण कार्य, विशेष रूप से फर्श की गुणवत्ता और रंग-रोगन नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। यह कार्य प्राथमिकता से करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने यहां जनसुनवाई भी की और ग्रामीणों की समस्याओं के समयबद्ध निस्तारण के लिए निर्देशित किया। ग्रामीणों ने बिजली, पानी, अतिक्रमण और स्कूल स्टाफ से जुड़ी समस्याएं रखी। जनसुनवाई से बाहर निकलने पर यहां बड़ी मात्रा में पानी व्यर्थ बहने को उन्होंने गंभीरता से लिया। जलदाय विभाग के अधिकारियों को जीएलआर और इससे जुड़ी व्यवस्था को अविलंब दुरुस्त करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पानी की बर्बादी किसी स्तर पर सहन नहीं की जाएगी। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण भी किया। यहां पोषाहार की गुणवत्ता को परखा और कहा कि क्वालिटी से किसी स्तर पर समझौता नहीं हो। यहां सैनेट्री पैड वितरण सहित केंद्र की विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा की। इस दौरान नोखा के उपखंड अधिकारी गोपाल जांगिड़ और नायब तहसीलदार नरसिंह टाक आदि मौजूद रहे।

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