बीकानेर,जयपुर, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रतिनिधिमंडल ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री और राष्ट्रीय के संगठन मंत्री घनश्याम जी के नेतृत्व में सम्पत सिंह, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष और श्रीमती अरुणा शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा ने बजट पूर्व चर्चा में माननीय मुख्यमंत्री महोदय से बात की।
प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया की मुख्यमंत्री के समक्ष नई शिक्षा नीति के क्रियान्वन के लिए खुलने वाली प्री प्राइमरी क्लास के शिक्षको के प्रशिक्षण हेतु राज्य में प्रशिक्षण केन्द्र खोलने तथा डाइट के माध्यम से क्लास लगाने एवम पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षा बीकानेर के माध्यम से परीक्षाओं का आयोजन करते हुए प्रारंभ करवाने का आग्रह किया है।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चन्द्र पुष्करणा ने बताया की वार्ता के दौरान संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सम्पत सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष तृतीय श्रेणी अध्यापको सहित शिक्षकों के सभी संवर्गों के स्थानांतरण शीघ्र करने, शिक्षकों के सभी संवर्गों की पदोन्नतियां शीघ्र करने, समस्त संवर्गों की वेतन विसंगतियों का निराकरण कर भटनागर समिति एवं खेमराज समिति की रिपोर्ट को लागू करने, पुरानी पेंशन योजना यथावत रखने, विभाग में संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाकर नियमित भर्ती से ही पद भरने और वर्तमान में कार्यरत समस्त संविदा कार्मिकों को नियमित करने, सभी संवगों की बकाया डीपीसी चरणबद्ध रूप में नया सत्र प्रारंभ होने से पूर्व कर पदस्थापन तिथियां निर्धारित करने, वर्ष 2005 से 2008 के बीच भी हुए प्रबोधक वर्ग एवं आरपीएससी से तृतीय वेतन श्रंखला में लगे शिक्षकों की छठे वेतनमान में 11170 पर किया गया था उसको सातवें वेतनमान के अनुसार 12900 पर 2006 में किया जाकर इस वर्ग की वेतन विसंगति के साथ ही वरिष्ठ अध्यापकों,व्यखायता, प्राचार्य आदि की समस्त वेतन विसंगति को दूर करने सहित कई मांगे रखी।
प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि श्रीमती अरुणा शर्मा, उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा ने वार्ता के दौरान शिक्षकों के संपूर्ण सेवा काल में चार एसीपी स्वीकृत करने, उप प्राचार्य के 50% पदों पर सीधी भर्ती करने, राज्य कार्मिकों की सेवानिवृति के समय 300 उपार्जित अवकाशों की सीमा समाप्त करने तथा सेवानिवृति के पश्चात 65-70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर पेंशन में क्रमश 5,10 व 15 प्रतिशत की वृद्धि करने, अनिवार्य सेवा निवृत्ति के आदेश को वापस लेने, केन्द्रीय विद्यालयों की तर्ज पर राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों के अवकाश पर जाने पर छात्र हित में अध्यापन व्यवस्था हेतु तदर्थ नियुक्ति व्यवस्था का प्रावधान करने, विद्यालयों में सहायक कर्मचारी की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने तथा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा में कार्यरत कार्मिकों के माध्यम से समस्या समाधान करने तथा शहरी क्षेत्र में समस्या के समाधान हेतु कुछ निश्चित राशि की व्यवस्था करने की मांग रखी।
प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम ने उक्त क्रम में प्रत्येक शिक्षक के सेवा काल में न्यूनतम तीन पदोन्नतियां सुनिश्चित करने, महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालयों की समीक्षा कर आधारभूत संरचना कम नामाकंन एवं अनाधिक विद्यालयों को पुनः हिन्दी माध्यम में संचालित करने, संभाग व जिला मुख्यालय पर संस्कृत शिक्षा के कार्यालय खोलने, संस्कृत शिक्षा में भी पढ़ो की पुनर्समीक्षा करने और शारीरिक शिक्षक लगाने, सामान्य शिक्षा में तृतीय आषा के सृजित पदी की भी पुनः समीक्षा करने, माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में स्टाफिंग पैटर्न कर पदी की समीक्षा करने और सामान्य शिक्षा में प्रत्येक जिले में संचालित स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल की तर्ज पर संस्कृत शिक्षा में भी मॉडल स्कूल खोले जाने, शारीरिक शिक्षको हेतु समस्त उच्च प्राथमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापन , पदोन्नति हेतु छात्र संख्या की अनिवार्यता समाप्त करने तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में सभी विषय अध्यापको की तरह एक पद द्वितीय श्रेणी का रखने, शारीरिक शिक्षा, सामाजिक विज्ञान, चित्रकला, गृह विज्ञान एवं कृषि और बाणिज्य से जुड़े तृतीय श्रेणी शिक्षकों की संपूर्ण सेवाकाल में एक न्यूनतम पदोन्नति सुनिश्चित करने, ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत कार्मिकों को ग्रामीण भत्ता देने, जनजाति क्षेत्रों के छात्रों के स्वास्थ्य हेतु विशेष बजट प्रावधान करने और बाल गोपाल दुग्ध योजना के तहत दिये जाने कले दुग्ध पाउडर के स्थान पर अन्य व्यवस्था जैसे मिलेटस प्रोडक्ट अथवा दुग्ध की व्यवस्था किए जाने और पी.डी. मद के शिक्षकों के वेतन बजट हेतु एकमुश्त बजट आंवटित करते हुए वेतन भुगतान की व्यवस्था के माध्यम से सीधे कोष कार्यालय द्वारा की जाने की मांग की।
वार्ता में मुख्य सचिव श्री सुधांशु पंत, श्री अखित अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त और अन्य अधिकारी भी वाती के दौरान मुख्यमंत्री जी के साथ पूरे समय उपस्थित रहे। मुख्य सचिव महोदय ने भी सभी कर्मचारी संगठनों का आभार जताया है और राज्य और कर्मचारियों के हित में श्रेष्ठ सुझाव देने के लिए राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का आभार व्यक्त किया। यह समस्त जानकारी मीडिया प्रभारी देवेन्द्र शर्मा ने दी।