












बीकानेर,गौ ग्राम स्वावलंबन संस्थान के द्वारा *विश्व पर्यावरण दिवस* के उपलक्ष में “”नव वैदिक ग्राम पर्यावरण संकल्प 2047 ( *मिशन एक करोङ पेङ)””* पर एक संकल्पना गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें
पावन सानिध्य- *परम पूज्य विमर्शानंद गिरि जी महाराज* शिवबाड़ी मठ, बीकानेर
मुख्य अतिथि- *माननीय देवी सिंह जी भाटी (* पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार)
अध्यक्षता- *नरेंद्र कुमार जी सुराणा* (अध्यक्ष- महावीर इन्टरनेशनल) बीकानेर
मुख्य वक्ता- *प्रो. श्याम सुन्दर जी ज्याणी* (प्रसिद्ध पर्यावरण चिंतक)
अन्य विशेष प्रकार से पर्यावरण पर कार्य करने वाले बीकानेर की अनेक हस्तियां उपस्थित थीं
इनमे काजरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेपी सिंह, गाय गोचर पर्यावरण पर काम करने वाले सुरजमाल सिंह नीमराणा ,हेम शर्मा,बंशी जी तंवर,कैलाश सोलंकी,अविनाश व्यास, यशविन्दर ,किशोर भंसाली,महेश सोनी,पर्यावरण पर गहराई से काम करने वाले डाॅ एस एल बिश्नोई, मोखराम धारणिया,मनोज छींपा, सोमजी, पुष्करराज,जयचंद सेठिया,केलाश शर्मा,विद्यालय मे पर्यावरण पर कार्य करने वाले गोपेश्वर विद्यापीठ, सार्थक ऐकेडमी सहित अनेक संस्था प्रतिनिधि, संजीदा व्यापारी,शिक्षाविद, समाजसेवी,गोसेवक सहित अनेक क्षेत्रों मे महत्वपूर्ण योगदान करने वाले बीकानेर के विशिष्ट लोगों का संगम था।
नरेन्द्र जी सुराणा ने बताया कि
नव वैदिक ग्राम की संकल्पना व पर्यावरण सुधार का रोङ मेप हमारे सामने रखा गया है। गोग्राम स्वावलंबन संस्थान की टीम पर्यावरण सुधार के लिए लगातार प्रतिदिन सक्रिय रहकर काम को अंजाम देते हैं। मैने हंसेरा, देशनोक, आदर्श विद्या मंदिर गंगाशहर व गोचर आदि में चल रहे इनके कार्यों को नजदीक से देखा है। कम से कम खर्च में इनका शानदार रिजल्ट रहा है।
पिछले दो साल मे हमारे फार्म हाउस पर भी सुपर नेपियर लगाने,खेती को जैविक करने,भूमि सुपोषण द्वारा अनार के बाग मे गुणवत्ता लाने का कार्य भी इनके मार्ग दर्शन में चल रहा है।
गोग्राम टीम के पास समय है,दृढ़संकल्प है,कार्य करने का व्यवहारिक ज्ञान है,लगन व इच्छाशक्ति है,कार्य को अंजाम तक पहुंचाने वाले कार्यकर्ता है। इस आधार पर हम कामना कर सकते हैं कि यह कार्य सफल होगा।
मुख्य योजनाकार निर्मल बरङिया ने
नव वैदिक ग्राम की समग्र योजना व पर्यावरण मिशन 2047 का पुरा रोङ मेप रखा।
भावी पीढी के लिए मास्टर प्लान पर्यावरण योद्धा तैयार करेंगे व मेहनत की पराकाष्ठा करेंगें
क्योंकि हमारे आंखो में गर्मी से तङप तङप कर मरते हुए साधु साध्वी के चित्र है
पीङित बच्चे व रोगी है,बेहाल पशु पक्षी है
विभिन्न योजना के लिए
भूमि दान, स्मृति वन, गोपाल योजना, आहार शुद्धि नस्ल संवर्धन आदि से जुङने के लिए सबको आह्वान किया ।पर्यावरण विनाश से ज्यादा तेज गति से विकास कार्य करने के लिए सहयोग की अपील की
पर्यावरण हितैषी दिखने की प्रवृति बढ रही है,बनावटीपन बढ रहा है। यह समाज मे बहुत खतरनाक है
भूमि सुपोषण पर्यावरण का सबसे अधिक प्राथमिकता का कार्य है। इसीसे अनेक समस्याओं के समाधान के उदाहरण पेश किए। गाय से सुपोषित भूमि मे बाजरे के एक पौधे पर 400 सिटी लेने पर चल रहे कार्य को सभी ने बहुत सराहा। दो माह मे 106 सिटे आ चुके हैं।
श्याम सुन्दर जी ने स्थानीय वनस्पतियों यथा खेजङी,केर,फोग, कुम्भट, झाङी बेर आदि के महत्व व इनको लगाने के सरल तरीकों पर विचार रखे।प्रकृति के लिए हमारे लोकदेवता जाम्भोजी, जसनाथ जी,करणी जी के कार्य गहरी समझ से किए गए थे उन्हे आज के सन्दर्भ मे ठीक से अपनाने की आवश्यकता है
पुज्य विमर्शानंद जी महाराज ने प्रकृति के प्रत्येक कार्य में भी अध्यात्म हमारी दृष्टि मे रहना चाहिए। महाराज श्री ने हमारे परम्परागत जीवनमूल्य बचाते हुए अपने अपने पर्यावरण धर्म का पालन करने का आह्वान किया
देवी सिंह भाटी ने गोचर ओरण में हो रहे कब्जों से सुरक्षा व विकास पर ध्यान केन्द्रित करने पर समाज का आह्वान किया।
महानगर पर्यावरण संयोजक भुवनेश यादव ने हरित घर बनाने के निवेदन के साथ धन्यवाद ज्ञापित किया।
