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बीकानेर,मास्टर मंगलचंद खरखोदिया फाउंडेशन एवं मास्टर बच्ची क्लब फुटबॉल समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 15 दिवसीय फ़ुटबाल समर कैंप का आज समापन स्थानीय पुष्करणा स्टेडियम में हुआ । आज समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जेठानंद जी व्यास( विधायक पश्चिम), मगन सिंह राजवी(पूर्व भारतीय कप्तान) ने अध्यक्षता की । विशिष्ट अतिथि डॉक्टर राकेश रावत , गोपाल बाणिया थे। समिति के भरत पुरोहित ने बताया कि 15 दिन चलने वाले इस कैम्प में बच्चों को नियमित रूप से फुटबॉल का अभ्यास कराया जाता था, एवं प्रतिदिन एक गेस्ट (पूर्व खिलाड़ी) को बुलाकर बच्चों का मार्गदर्शन किया जाता था। क्लब के डॉक्टर नंदकिशोर पुरोहित (द फोरकास्ट हाउस) ने बताया की प्रैक्टिस के बाद में बच्चों को लगातार 15 दिन रिफ्रेशमेंट भी दिया जाता रहा। समिति के कैलाश खरखोदिया ने बताया कि कैंप में 100 से ज्यादा बालक एवं 20 से ज्यादा बालिकाओं ने भाग लिया । जिनको सर्टिफिकेट एवं मोमेंटो दिए गए। मास्टर बच्ची जी के पुत्र चंद्रमोहन जागा उर्फ चोरसा द्वारा बच्चों को टी शर्ट दी गई। समापन समारोह में उपस्थित हुए भाजपा नेता जेपी व्यास ने बताया कि भरत पुरोहित द्वारा पिछले 30 वर्षों से लगातार इस कैंप को लगाकर शहरी परकोटे में बच्चों में फुटबॉल की इस मसाल को जलाए हुए हैं, जिनका सहयोग उनकी पूरी टीम तन मन धन से कर रही है । डॉ राकेश रावत ने बताया कि भरत पुरोहित के साथ अब मेडिकल टीम भी जुड़ चुकी है, जिसमें डॉक्टर गौरव पारीक, डॉ सुनील तंवर आदि का सहयोग मिलता रहा है । मगन सिंह जी ने बताया की स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, इसलिए सभी खिलाडीयो को खेल नियमित खेलते रहना चाहिए, उसका अभ्यास करते रहना चाहिए। पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने कहां कि बीकानेर फुटबॉल को जीवित रखने का श्रेय वर्तमान में भरत पुरोहित को जाता है उनके व उनकी टीम के प्रयासों से ही आज बीकानेर से फुटबॉल खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर अपना , बीकानेर का नाम गौरवान्वित कर रहे हैं । वरिष्ठ खिलाड़ी बुंदेला सिंह ने आये सभी अतिथियो का धन्यवाद दिया एवं आभार प्रकट किया भरत पुरोहित में बताया कि 15 दिन चलने वाले कैंप में अपनी सेवाएं प्रशिक्षक महावीर शर्मा, त्रिभुवन ओझा, विनोद जागा, देवेंद्र पुरोहित, शिवकुमार शर्मा, आशीष आदि ने दी । जिला फ़ुटबॉल संघ के उपाध्यक्ष रहमत अली ने बताया कि बच्चो को मोमेंटो ओर सर्टिफिकेट मंगल चंद खरखोदिया फाउंडेशन द्वारा दी गयी ।

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