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बीकानेर,राजस्थानी भाष साहित्य के विद्वान् डॉ. सोनाराम बिश्नोई के निधन पर प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा उन्हें नमन्-स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई । राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कमलरंगा ने कहा कि डॉ. बिश्नोई राजस्थानी साहित्य के विद्वान् होने के साथ-साथ प्रखर भाषाविद् भी थे । उन्होंने हमेशा राजस्थानी मान्यता आंदोलन में अपनी रचनात्मक भूमिका का निर्वहन करते हुए समर्पित भाव से काम किया । रंगा ने आगे बताया कि वे आध्यात्मिक चेतना के पैरोकार थे, लोकदेवता बाबा रामदेव के अनन्यय भक्त थे । डॉ. बिश्नोई के निधन से राजस्थानी जगत को क्षति हुई ।

वरिष्ठ शिक्षाविद् संजय सांखला ने उन्हें समर्पित राजस्थानी भाषा का आदर्श शिक्षक बताया तो अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब ने उन्हें राजस्थानी अकादमी अध्यक्ष के रूप में दी गई सेवाओं को स्मरण किया ।
संस्कृतिकर्मी विष्णु दत्त व्यास ने डॉ. सोनाराम बिश्नोई को राजस्थानी संस्कृति और भाषा का समर्पित व्यक्ति बताते हुए शोक व्यक्त किया । शिक्षाविद् राजेश रंगा ने उनके साहित्य और लोक साहित्य पर अपनी बात रखते हुए उनके निधन से राजस्थानी जगत की क्षति बताया ।
शोक व्यक्त करते हुए भवानी सिंह, अशोक शर्मा, कार्तिक मोदी, आशीष रंगा, सुनील व्यास, तोलराम सारण, घनश्याम ओझा, वासु प्रजापत, पुनीत कुमार रंगा, भंवर मोदी सहित सभी राजस्थानी समर्थकों ने डॉ. बिश्नोई को राजस्थानी भाषा साहित्य संस्कृति का सशक्त पैरोकार बताते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।
अंत में सभी ने दो मिनट का मौन रखा ।

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