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बीकानेर ,स्व. कमलेश कंवर रविन्द्र सिंह भाटी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से रविन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह भाटी और नरेन्द्र पाण्डे की स्मृति में रक्तदान शिविर में उमड़ा जन सैलाब सांकेतिक रूप से प्रेरणास्पद है। आयोजकों का विजन और जनता की भाटी परिवार से निकट का रिश्ता दर्शाता है। इस रक्तदान शिविर में 1851 लोगों ने रक्तदान दिया और हजारों लोगों ने सुबह से शाम तक श्रध्दांजलि अर्पित की। राजनीति के अलावा भी भाटी का सार्वजनिक विजन है। इस विजन को जनता पसंद करती है। इसका नजारा इस शिविर में देखने को मिला है। राजनीति के इतर भी जनहित की सोच और सार्वजनिक मुद्दे हैं जिससे जन जीवन जुडा हुआ है। ऐसे मुद्दों पर अक्सर राजनेताओं का ध्यान कम ही जाता है। देवी सिंह भाटी सार्वजनिक हित के ऐसे मुद्दों को पहचानते हैं और उन पर काम करने का माद्दा रखते हैं। सत्ता और सरकारें उनके मुद्दों के मामले में कोई मंच नहीं होती। आप भले ही गोचर, ओरण, जोहड़ पायतान के मुद्दे की बात कर लो या आग से घर जलने से बेघर हुए लोगों की मदद का मामला हो वे जनता के साथ मिलकर निर्णायक स्थिति तक पहुंचे हैं। भाटी ऐसे नेता है जिनके पीछे जनता खड़ी है। देवी सिंह भाटी ने सत्ता और भाजपा से बाहर रहकर भी सरेह नथानिया गोचर की चाहर दीवारी का जो काम किया वो एक मिसाल है। इस दौरान प्रदेशभर से उनके समर्थन में हजारों लोग आए। मुद्दे पर पूरे प्रदेश के लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ। प्रदेश स्तर का संगठन बना जो निरन्तर कार्य कर रहा है। यह राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए सांकेतिक प्रेरणा इस मायने में भी है कि राजनीति करने वाले नेता जीतने के बाद काकस से बंध जाते हैं। उनका राजनीतिक एजेण्डे से बाहर आने का विजन ही नहीं बन पाता। वोटों की राजनीति और आपाधापी में ही फंस कर रह जाते हैं। सही मायने में जन सेवक या जनता के नेता नहीं बन पाते। इस रक्तदान शिविर में आए नेता खासकर विधायक जेठानंद व्यास और ताराचंद सारस्वत ने तो शायद प्रेरणा ली ही होगी। क्या जनता का इस शिविर में जो भाटी परिवार के प्रति अपनापन और समर्पण देखा गया वो कितने नेताओं ने हासिल किया होगा। खैर फिलहाल बात रक्तदान शिविर की करें तो यह रक्तदान शिविर आम लोगों को रक्तदान की भावना जगाने और महत्व समझाने में सफल रहा है। लोग स्वैच्छा से रक्तदान शिविर से जुड़े। समझा रक्त देना भी खून का रिश्ता बनाता है। रक्तदान मानवीय रिश्तों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है। रक्त देना मानवीय सेवा है और एक मायने में पुण्य का कार्य माना जाता है, क्योंकि रक्तदान से मानव जीवन बचता है। कमोबेश ढाई दशक से स्व. कमलेश कंवर रविन्द्र सिंह भाटी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से रविन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह भाटी और नरेन्द्र पाण्डे की स्मृति में रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं। इस बार माखन भोग में लगाए गए रक्तदान शिविर में 1851 लोगों ने रिकार्ड रक्तदान किया। यह रक्त यूनिट बीकानेर, कोटा, जयपुर और नागौर भेजी जाएगी। यह रक्तदान शिविर युवाओं को मानव सेवा की प्रेरणा ही नहीं देता, साथ ही राजनेताओं को भी उनके जन सेवक होने को प्रेरित करता है। यह शिविर जनता से जनप्रतिनिधियों के प्रति विश्वास, जुड़ाव और समर्पण दर्शाता है। जरूरत नेताओं को अपना दायित्व समझने की है। ताकि वे वाकय जनता के हो सकें।

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