बीकानेर, गौरव सैनानी एसोसिएशन-बीकाणा के अध्यक्ष कर्नल हेमसिंह शेखावत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री एवं कला एवं संस्कृति मंत्री,अध्यक्ष राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के नाम जरिये जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें राजस्थान राज्य अभिलेखागार द्वारा विजिटर्स गैलरी के तमाम फोटो फाड़ने और अभिलेखों को बिना इजाजत के जलाने की जांच करवाने की मांग की गई है।
शेखावत ने बताया कि दिनांक 3 मई 2024 को सांयकाल 4:00 बजे के लगभग राजस्थान राज्य अभिलेखागार के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमें पहला वीडियो अभिलेखागार परिसर के अंदर कचरा पात्र के पास पूर्व मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय व राज्य सरकार के मंत्रियों, मुख्य सचिव और कई अन्य वीवीआईपी के फटे हुए फोटो कचरे में पड़े हुए दिखाई दिए। इसी प्रकार दूसरा वीडियो कुछ दस्तावेज जलाने का वीडियो है,जिसमें जलाने के वक्त जो कागज दिखाई देते है,वे अत्यन्त पुराने जमाने के दिखाई दे रहे हैं।
बाद में पूछताछ करने पर पता चला है कि दोनों वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कुछ नेता व समाज सेवियों का एक प्रतिनिधिमंडल राजस्थान राज्य अभिलेखागार गया था और वर्तमान कार्यकारी निदेशक से सवाल जवाब भी किया गया कि आपने विजिटर्स गैलेरी के तमाम फ़ोटो क्यों फड़वाई? किसने फड़वाई? इस पर वह सन्तुष्टिपूर्वक जवाब नहीं दे पाते है।
इसी प्रकार प्रतिनिधिमंडल के पूछने पर कि ये कौनसे कागज आपने जलवाए है? तो कार्यकारी निदेशक ने कहा कि यह भी मेरे संज्ञान में नहीं है।
ततपश्चात प्रतिनिधिमंडल ने निरीक्षण के दौरान पाया कि विभाग द्वारा पूर्व में संरक्षित विजिटर गैलरी के तमाम फोटो व पोस्टर्स को फाड़ कर पहले कचरे में डाल के देर में डाला गया। वीडियो वायरल हो जाने के बाद कचरे के ढेर में से फटे हुए कुछ फोटो व पोस्टर्स को कार्टूनों में डालकर रखवाया गया है। इसी प्रकार जो दस्तावेज शुक्रवार को जलाए गए थे उन स्थानों से छुट्टी के दिन निदेशक राजस्थान राज्य अभिलेखागार द्वारा बीकानेर स्थापना दिवस की सफाई के बहाने जली हुई राख को नगर निगम के संसाधन मंगवा कर उठा दिया गया और सफाई करवा दी।इस प्रकार दोनों वीडियो सही पाए गए।
इस कारण जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री एवं कला संस्कृति मंत्री तथा अध्यक्ष धरोहर संरक्षण प्राधिकरण से मांग की गई है कि इस प्रकरण की किसी विषय विशेषज्ञ तथा फोरेंसिक लेबोरेट्री द्वारा जांच करवाई जाए कि जलाए गए दस्तावेज किस-किस समय के और क्या दस्तावेज जलाए गए हैं?? ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि निदेशक द्वारा विभाग के कर्मचारियों को मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी भी दी जा रही है। कुछ बाहरी व्यक्तियों से फोन पर धमकियां दिलवाई जा रही है, इसकी भी जांच की करवाई जाए।