जैसलमेर। क्षेत्र के धोलिया गांव के पास गुरुवार को अलसुबह रेल की चपेट में आने से राज्यपशु चार ऊंटों की मौत हो गई। जिससे वन्यजीव प्रेमियों व जीवरक्षकों में रोष व्याप्त हो गया। गौरतलब है कि लाठी क्षेत्र में रेल की चपेट में आने से आए दिन पशु काल का ग्रास हो रहे है। विशेष रूप से लाठी से धोलिया व ओढ़ाणिया तक रेलवे ट्रेक पर आए दिन गायों, बैलों, गोवंश व ऊंटों के रेल की चपेट में आने से घटनाएं हो रही है। हालांकि पूर्व में घटनाओं को लेकर जिला कलक्टर की ओर से यहां सुरक्षा के उपाय करने के लिए निर्देशित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से हादसों का सिलसिला लगातार जारी है। जिससे वन्यजीवप्रेमियों व जीवरक्षकों में रोष बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को अलसुबह भी रेल की चपेट में आने से चार ऊंटों की दर्दनाक मौत हो गई। गुरुवार को अलसुबह एक रेल यहां से गुजर रही थी। इस दौरान कुछ ऊंट रेलवे ट्रेक को पार कर रहे थे। रेल की आवाज सुनकर ऊंटों में हड़कंप मच गया और वे इधर उधर भागने लगे, लेकिन चार ऊंट रेल की चपेट में आ गए तथा उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे कार्मिकों की सूचना पर धोलिया निवासी महेशकुमार विश्रोई व अन्य वन्यजीवप्रेमी व जीवरक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृत ऊंटों को रेलवे ट्रेक से दूर करने के लिए वन विभाग को सूचना दी।
आए दिन हो रहे हादसे, जिम्मेदार मूकदर्शक
गौरतलब है कि लाठी, धोलिया, चांधन, ओढ़ाणिया, चाचा सहित रेलवे ट्रेक के किनारे स्थित गांव पशु बाहुल्य क्षेत्र है। यहां पशु चरने के लिए रेलवे ट्रेक पार करते है। ऐसे में आए दिन रेल आ जाने से पटरियों को पार करते समय पशु रेल की चपेट में आ जाते है तथा काल का ग्रास हो जाते है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से इन हादसों को रोकने तथा पशुओं के संरक्षण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों, वन्यजीवप्रेमियोंं, जीवरक्षकों, पशुपालकों में रोष व्याप्त है