बीकानेर चूरू, लोकसभा चुनाव परिणाम आने से पहले ही राजस्थान में मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच फिल्म निर्माता निर्देशक राजेन्द्र सिंह शेखावत ने एक बयान जारी करके कहा है कि राजस्थान का सीएम वही बने जो राजस्थानी भाषा, कला, संस्कृति और साहित्य का सम्मान करे। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने पीएम नरेंद्र मोदी के पांवों पर कुल्हाड़ी मारने का ही काम किया है।
मोदी ने कहा था कि वंचितों को लाभान्वित करो, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने वर्ष 2022 में अशोक गहलोत और बीडी कल्ला द्वारा मनमानी करके वंचित रखी गई 11 राजस्थानी फिल्मों को कोई अनुदान नहीं दिया। जबकि इन वंचितों को आचार संहिता लगने से पहले अनुदान राशि जारी कर देनी चाहिए थी।
फिल्म निर्माता निर्देशक शेखावत ने कहा कि इन दोनों ने तो राजस्थानी सिनेमा के विकास का आज तक नाम तक नहीं लिया है। पत्रों के जवाब देना भी उचित नहीं समझा इन्होंने तो, फिर किस काम के हैं ये। शेखावत ने कहा कि जो खुद पीएम का कहना भी नहीं मानते हों वे एक फिल्म निर्माता निर्देशक के पत्र पर कोई सुनवाई कर लेंगे, ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए। राजस्थानी की 11 फिल्मों को वर्ष 2022 में अनुदान से वंचित रखकर जो भूल अशोक गहलोत और बीडी कल्ला ने की थी, उससे कोई सबक लेने की बजाय मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने उसी भूल को दोहराने का काम कर दिया है। इन्होंने भी राजस्थानी सिनेमा को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है। यही बात इनके लिए हानिकारक साबित होने वाली है। शेखावत ने कहा कि ये लोकतंत्र है, यहां कुर्सी का नशा जिस तेजी से चढ़ता है, उससे भी तेज गति से उतरता भी है। जब कुर्सी का वो नशा उतर जाता है, तब आंखें खुलती हैं लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है। राजस्थानी सिनेमा को हाशिए से भी बाहर धकेलने वाले अशोक गहलोत और बीडी कल्ला का नशा उतर गया, ये तो हैं ही क्या उनके आगे। कुल मिलाकर यही कहेंगे कि राजस्थान में राजस्थानी भाषा, कला, संस्कृति और साहित्य की अनदेखी करने वाले नेता ज्यादा दिन कुर्सी पर नहीं टिक सकेंगे। नए मुख्यमंत्री को भी यह बात ध्यान में रखनी होगी।