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बीकानेर, समग्र विकास का चार सैक्टर बनाकर अध्ययन किया गया और उन सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों के सुझाव मांगे गए। इन सुझावों को डॉक्यूमेंट्री के जरिए जन प्रतिनिधियों को समस्याओं और बाधाओं से अवगत करवाया गया। इसके बाद जिला उद्योग संघ में लघु उद्योग भारती और अन्य उद्योग संगठनों की खाद्य आपूर्ति मंत्री  सुमित गोदारा की अध्यक्षता आयोजित बैठक में डा. विश्वनाथ (विधायक खाजूवाला) के प्रस्ताव पर आप सबकी उपस्थिति में मान्य खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित  गोदारा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई, जिसमें सभी विधायकों को सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया। संरक्षक की भूमिका देवी सिंह भाटी ने स्वीकृति दी। समिति सचिव की जिम्मेदार प्रकाश नवाल को दी गई है। इसमें विकास के प्रस्तावित सभी सेक्टर से विशेषज्ञ सदस्य शामिल किए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विकास की पहल अब खुद जनप्रतिनिधि आए सुझावों पर करेंगे। ये रहेंगे विकास के मुद्दे= 1 आधारभूत विकास : वाजिब कीमत पर औद्योगिक और व्यवसायिक उपयोग की भूमि सरकार उपलब्ध करवाएं। बिजली, पानी और सड़क की सुविधा मुहैया करवाएं। 2 औद्योगिक विकास: ड्राइपोर्ट, मेगा फूड पार्क, गैस पाइप लाइन, हवाई सेवाएं, रिंग रोड, माइंस को इंडस्ट्री का दर्जा, एक्सपोर्ट हब, टेक्सटाइल पार्क, कपड़ा प्रिटिंग कलस्टर, ज्वेलरी कलस्टर, पोटाश खनन शुरू किया जाए। इसी तरह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मोठ की खेती को संवर्धित किया जाए। यहां उत्पादित कृषि जिंसों का बीकानेर में ही प्रसंस्करण इकाइयां लगाकर उत्पाद बने। खाद्य उत्पादों का एक्सपोर्ट के लिए बीकानेर में सर्टिफिकेशन की सुविधा हो। रिको में काम की गति बढ़ाई जाए। खारा उद्योग क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाए। पुरानी माइंस की अवधि 10 वर्ष बढ़ाई जाए। माइंस लीज 4 हेक्टेयर से बढ़ाकर 10 हेक्टेयर की जाए। बीकानेर से 10 हजार टन सिरेमिक्स गुजरात जाता है। 300 रूपए टन की ये क्ले से गुजरात में उत्पाद बनाकर 12 हजार रुपए टन बेची जाती है। ये इंडस्ट्री बीकानेर में लग जाए तो बीकानेर और राजस्थान की सकल आय का आंकड़ा बदल सकता है। जरूरत आधारभूत संसाधन विकसित करने की है। 3 शिक्षा का हब बने बीकानेर: बीकानेर में चार विश्व विद्यालय, 5 आई सी आर इंस्टीट्यूट, मेडिकल कॉलेज सैकड़ों कोचिंग इंस्टीट्यूट है। फिर भी बीकानेर एज्युकेशन हब नहीं है। इसका कारण शिक्षा के आधारभूत संसाधनों की कमी है। जिसमें सर्वाधिक कमी शिक्षकों की है। पी टी आई नहीं है, कोच नहीं है लाइब्रेरियन नहीं है। रोजगार आधारित पाठ्यक्रम नहीं है। 45 करोड़ का एमजीएस यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है परंतु कोच नहीं है। बीकानेर में राजस्थान की एकमात्र स्पोर्ट्स स्कूल है जहां संसाधनों की नितांत कमी है। बीकानेर में एक खेल स्टेडियम और इंडोर स्टेडियम की जरूरत है। 4 कला , साहित्य, संस्कृति,पुरातत्व और पर्यटन : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऊंट उत्सव की विभिन्न प्रतियोगिता में पुरस्कार की राशि बढ़ाई जाए। ऊंट नृत्य प्रशिक्षकों की सेमिनार रखी जाए। ऊंट राज्य पशु है पर्यटन में उपयोग से ऊंट को संरक्षण मिलेगा। साहित्य संस्कृति अकादमियां भी पुरस्कार की राशि बढ़ाए। कल्चर आर्ट को बाजार से जोड़ें। बीकानेर में साहित्य परिसर का निर्माण हो। साहित्यकार, कलाकार और कलाओं पर डॉक्यूमेंट्री बनाई जाए। पांडुलिपि और दुर्लभ ग्रंथों तक शोधार्थियों की पहुंच बने। साहित्य संस्कृति, कला संरक्षण की आकर्षक योजना बने। लुप्त होती कलाओं को प्रश्रय दिया जाए। नाईट टूरिज्म बढ़े और श्रीकोलायत का पर्यटन स्थल के रूप में विकास हो। कपिल मुनि की स्थली की तरफ पूरे देश का ध्यान आकर्षित हो। मांड गायकी और लोक गायकी को बढ़ावा दिया जाए। 5 स्वास्थ्य सेवाएं: पीबीएम में केंद्रीकृत ओ पी डी ब्लाक बने। अस्पताल में नॉर्म्स के अनुरूप संसाधन दिए जाए। अस्पताल में इमरजेंसी सेवाए एक जगह हो। केंद्रीकृत पार्किंग बने। तीन अधीक्षक, मर्दाना, जनाना और शिशु अस्पताल में लगे। अस्पताल के चारों तरफ हुए अतिक्रमण हटाए जाए । बीकानेर के चारों हाई वे के पर सब डिविजनल अस्पताल खुले जहां 24 घंटे सेवाए हो। बीकानेर में एक और मेडिकल कॉलेज और एम्स खुले। अंग प्रत्यारोपण की सुविधा हो।

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