Trending Now












बीकानेर। जिले में हर रोज डेंगू के मरीज मिलने से संक्रमण फैलने का खतरा हो गया है। शहर के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्र से भी डेंगू के केस रिपोर्ट होने लगे हैं। पीबीएम अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स लेने के लिए कतार लग रही है। पिछले डेढ़ महीने से २४ घंटे ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स तैयार की जा रही है।

पीबीएम अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक एक जनवरी से अब तक जिले में २१६ डेंगू के मरीज मिले हैं। जबकि तीन मरीजों की मौत हो चुकी हैं। डेंगू पीडि़तों में भी युवाओं की संख्या अधिक है। अस्पताल में भर्ती होने वालों में से ५० फीसदी में प्लेटलेट्स काउंट २५ हजार से नीचे पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है।

ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष डॉ. एनएल महावर बताते हैं कि हर दिन डेंगू सहित अन्य बीमारियों से पीडि़तों को रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) चढ़ाए जा रहे हैं। कई मरीजों को सिंगल डोनर एफोसिस प्लेटलेट्स (एसडीपी) चढ़ाए जा रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में आरडीपी व एसडीपी की डिमांड बढ़ गई है। ब्लड बैंक में २४ घंटे प्लेटलेट्स तैयार हो रहे हैं।

यूं बढ़ रही मांग

पीबीएम के ब्लड बैंक के रिकॉर्ड के अनुसार जुलाई में ४९४, अगस्त में ५१० और सितंबर में ८७६ आरडीपी मरीजों को दी जा चुकी हैं। सितंबर में डेंगू मरीज बढऩे से आरडीपी की डिमांड बढ़ गई है। इसी प्रकार जुलाई में एसडीपी ११, अगस्त में आठ और सितंबर में २२ मरीजों को दी गई। एसडीपी की डिमांड तेज से दोगुना हो गई है। वर्तमान में हालात यह है कि ३० से ४५ आरडीपी और एसडीपी रोज एक या दो को दी जा रही है। कैंसर वालों के अलावा डेंगू वालों को आरडीपी व एसडीपी की जरूरत पड़ती हैं।

एसडीपी का शुल्क निर्धारित

पीबीएम अस्पताल में मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना के तहत आरडीपी का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है जबकि एसडीपी के लिए आठ हजार ५०० रुपए शुल्क देना पड़ता है। इसमें भी सरकार की ओर से निर्धारित कैटेगरी से कोई शुल्क वसूल नहीं किया जाता।

घबराएं नहीं, चिकित्सक से संपर्क करें
डॉ. बीएल मीणा बताते हैं कि किसी व्यक्ति की प्लेटलेट्स ५० हजार है तो कोई चिंता की बात नहीं हैं। २० हजार से प्लेटलेट्स कम होने अथवा शरीर के किसी हिस्से में रक्तस्राव होने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्क्रब डायफस व टायफाइड में भी प्लेटलेट्स कम होती है। प्लेटलेट्स कम होने पर तनाव नहीं लेवें। चिकित्सक की बिना सलाह किसी दवा का सेवन नहीं करें

Author