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बीकानेर,स्टार्ट अप नए जमाने का शब्द भले हो, लेकिन इसको जमीन पर उतारा है श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं ने। दरअसल, ग्रामीण महिलाओं ने स्टार्ट अप और समूह की ताकत को पहचाना।

उन्होंने अपने हौसले और सरकारी मदद को औजार बनाया। ‘शक्ति’ ब्रांड के साथ मसाला उद्योग में कदम रखा। शुरुआत में कुछ महिलाओं के समूह से शुरू हुआ यह प्रयास अब तकरीबन 400 महिलाओं के जीवन में रोजगार की रोशनी ला चुका है। यह देश-प्रदेश में भी बड़े उदाहरण के रूप में सामने आ रहा है। यह जरूर है कि इस पूरी प्रक्रिया में ग्राम पंचायत, जिला प्रशासन और नाबार्ड के संयुक्त प्रयास निर्णायक साबित हुए हैं। ग्रामीण महिलाओं के लिए यहां पर मसाला पिसाई से लेकर ग्रेडिंग और पैकिंग तक के काम की राह खुली है।

ऐसे हुई शुरुआत

जिले के श्रीडूंगरगढ़ उपखण्ड के बेनीसर गांव में महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर यह मसाला पैकिंग उद्योग स्टार्टअप के रूप में अक्टूबर 2022 में शुरू किया गया। ग्राम पंचायत ने महिलाओं के रोजगार के लिए अपना भवन उपलब्ध कराया। नाबार्ड ने करीब 10 लाख रुपए से उद्योग को स्थापित करने के लिए मसाला पिसाई और ग्रेडिंग मशीन तथा पैकिंग सामग्री के साथ प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई।

पहले बना ब्रांड, बाजार में उतरा…और अब ऑनलाइन भी

जिला प्रशासन ने महिलाओं के लिए बीकानेर के शक्ति मसाले नाम से ब्रांड रजिस्टर्ड कराने में मदद की। इसके साथ ही महिलाओं ने क्षेत्र में पैदा होने वाले मसालों को मंडी से खरीद कर पिसाई, ग्रेडिंग के बाद पैकिंग कर बाजार में उतार दी। अब यह मसाले ऑफलाइन जिले के दुकानदारों के पास मिलते हैं। साथ ही ई-कॉमर्स कपनियों के ऑनलाइन प्लेटफार्म से भी लोग खरीद रहे हैं।

आगे की राह…स्टेशन पर मिलेंगे मसाले

नाबार्ड के डीडीएम रमेश ताबिया ने बताया कि यह राजस्थान में महिलाओं के लिए सरकारी मदद से मसालों का पहला उद्योग लगा है। प्रथम चरण पूरी तरह सफल रहा है। मसालों में शुद्धता के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रख रहे हैं। आने वाले दिनों में इसकी बाजार में और ज्यादा मांग पैदा होगी।

वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के तहत नाबार्ड ने बीकानेर, नोखा और लालगढ़ रेलवे स्टेशन पर इसकी शॉप खोलने की स्वीकृति ले ली है। शॉप का पूरा किराया और उसे संभालने वाली महिला का वेतन नाबार्ड देगा।

स्थानीय उत्पादों का विपणन भी तैयार

बीकानेर जिले में जीरा, धनिया, मेथी, मिर्च, सेंधा नमक, अदरक का उत्पादन होता है। महिलाओं की पहली प्राथमिकता स्थानीय अनाज मंडियों में आने वाले खड़े मसालों को लाने की होती है। वे बाजार से मिर्च, हल्दी, मेथी, धनिया, जीरा, अदरक खरीद करती हैं। इनकी ग्रेडिंग और पिसाई के बाद पैकिंग कर बाजार में आपूर्ति करती हैं।

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