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बीकानेर,भाकृअनुप-राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसंधान केन्‍द्र (एनआरसीसी) एवं बहुला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मध्‍य आज दिनांक को एक एमओयू किया गया। ऊँटनी के दूध व दुग्‍ध उत्‍पादों से संबद्ध इस एमओयू पर एनआरसीसी की ओर से निदेशक डॉ.आर्तबन्‍धु साहू तथा बहुला फूड्स प्रा. लि. की आकृति श्रीवास्‍तव, सीईओ ने हस्‍ताक्षर किए । इस अवसर पर केन्‍द्र के डॉ.राकेश रंजन व डॉ. वेद प्रकाश तथा बहुला फूड्स के श्री संजय विश्‍वा मौजद रहे ।

इस नए एमओयू को लेकर उत्‍साहित होते हुए केन्‍द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्‍धु साहू ने कहा कि इसके माध्‍यम से औषधीय गुणधर्मों से युक्‍त ऊँटनी के दूध व इससे निर्मित उत्‍पादों की लोकप्रियता में और अधिक वृद्धि हो सकेगी तथा उपभोक्‍ताओं तक इन्‍हें सुगमतापूर्वक पहुंचाया जा सकेगा । डॉ.साहू ने हाल ही में जयपुर में एनआरसीसी के सहयोग से राजस्थान सहकारी डेयरी फेडरेशन एवं बहुला नैचुरल द्वारा लॉन्‍च किए गए कैमल मिल्‍क तथा बीकानेर में शुरू हुई इसकी मार्केटिंग का जिक्र करते हुए उष्‍ट्र दुग्‍ध व्‍यवसाय की दिशा में इसे एक महत्‍वपूर्ण कदम बताया तथा कहा कि पिछले लगभग डेढ-दो दशक से एनआरसीसी द्वारा सतत रूप से ऊँटनी को ‘एक दुधारू पशु’ के रूप में स्‍थापित करने का प्रयास, विभिन्‍न माध्‍यमों से किया जा रहा है। वर्तमान में केन्‍द्र के मिल्‍क पॉर्लर पर मानव स्‍वास्‍थ्‍य हेतु लाभकारी ऊँटनी का दूध व केन्‍द्र-वैज्ञानिकों द्वारा इसके दूध से विकसित 25 से अधिक स्‍वादिष्‍ट उत्‍पादों की बिक्री की जा रही है। उन्‍होंने कहा कि इस नए एमओयू से प्रदेश के ऊँट पालकों के समाजार्थिक स्‍तर में महत्‍वपूर्ण सुधार देखा जा सकेगा ।
इस अवसर पर बहुला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की आकृति श्रीवास्‍तव ने कहा कि उष्‍ट्र प्रजाति के संरक्षण एवं विकास हेतु इसके दूध में विद्यमान व्‍यावसायिक संभावनाएं को देखते हुए एनआरसीसी के साथ यह एमओयू किया गया है । उन्‍होंने जानकारी दी कि बहुला, राजस्थान में ऊँटनी के दूध की खरीद, प्रसंस्करण और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए पिछले कई वर्षों से प्रयासरत है तथा नए एमओयू के तहत इस दिशा में एनआरसीसी का सहयोग मिलने से उपभोक्ताओं में ऊँटनी के दूध व दुग्‍ध उत्‍पादों की मांग व विश्‍वसनीयता बढ़ेगी जिसका लाभ ऊँट पालकों को मिल सकेगा ।

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