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बीकानेर,साहित्य कला संस्कृति और पुरातत्व विभाग के तत्वाधान में मानव चेतना जागृति प्रन्यास के सहयोग द्वारा पंडित अशोक महाराज के संयोजन से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमरीश शरण विद्यार्थी ने डेहरू माता मंदिर,महादेव मंदिर के दर्शन करके भैरव नाथ बाबा के माल्यार्पण करके किया। कुलपति ने अपने उद्घाटन उद्बोधन में वैदिक काल से लेकर वर्तमान तक हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहजने का युवाओं को प्रोत्साहित करने का माध्यम ऐसे ही आयोजनों की सार्थकता से समझाया।कार्यक्रम में सबसे पहले कलाकार तेजस जोशी के तबला वादन और कृष्ण कुमार के हरमोनियम संगत से हुई।उसके बाद में
पं.दामोदर तंवर का सितार वादन हुआ।*रानी तेरो चिरजीयो गोपाल* सूरदास जी की रचना को पंडित दामोदर जी ने गाकर के सुनाया और फिर उसी को सितार में इंप्रोवाइज किया अपने तान और भक्ति के अंदाज से गोशाला में विचरण कर रही गो माता के प्रति संगीत को समर्पित किया मानव चेतना जागृती प्रन्यास ओर से गौ माता नंदी गोवंश के लिए चारे का समर्पित कुलपति अंबरीश शरण विद्यार्थी के हाथों से किया गया किया गया उसके बाद आचार्य राजेंद्र जोशी ने सितार में राग बागेश्वरी का आलाप और जोड़ तथा मध्य लय की गत प्रस्तुत की और कहा कि आज बीकानेर की इस पवित्र भूमि पर यह सितार व गायन की प्रस्तुतियां प्रार्थना के रूप में स्वर्गीय पंडित परमानंद जी जोशी के शिष्यों द्वारा समस्त संगीत की साधना को बेजुबान जीव जंतुओं के उत्थान उनकी समस्याओं के समाधान तथा समस्त विश्व की कल्याण के लिए समर्पित की गई है कार्यक्रम समय सीमा से ज्यादा समय तक चला । तबले पर संगत पंडित नवरत्न जोशी और कलाकार तेजस जोशी ने की । कार्यक्रम का संपूर्ण संयोजन कथक गुरु वीणा जोशी ने किया और शास्त्रीय संगीत मर्मज्ञ स्वर्गीय पंडित परमानंद जी जोशी की धर्मपत्नी श्रीमती गायत्री देवी जोशी ने सबको आशीर्वाद देकर उत्साह बढ़ाया

इस स्ट्रिंग्स फॉर वॉयसलेस के पोस्टर का विमोचन भी किया गया की अवधारणा के प्रणेता आचार्य राजेंद्र जोशी ने जीव मात्र से मनुष्य की संवेदना को जीवंत रखने के लिए मनुष्य को प्रकृति प्रेमी बनने पर जीवन की सार्थकता को समझाया ….. प्रसिद्ध युटुबर संजय जी जोशी ने तुम ढूंढो मुझे गोपाल भजन सुनाया
कार्यक्रम के प्रेरक पंडित अशोक पुरोहित और अनिल जी पुरोहित जिनके सार्थक प्रयास से डेहरू माता मंदिर विकास समिति के सभी सदस्यों ने आयोजन में बढ़ चढ़कर सहयोग किया। अंत में राजस्थान सरकार साहित्य कला संस्कृति अकादमी का धन्यवाद ज्ञापित कर यह अपेक्षा अभिव्यक्त की गई इस प्रकार की गतिविधि को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाया जाएगा

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