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बीकानेर,राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का निवेदन है कि राज्य के शिक्षा विभाग में अधिकाधिक लिपिकीय सूचना तत्र संबंधित कार्य के साथ ऑनलाइन शिक्षण, क्विज, निष्ठा दीक्षा एसआईआरटी डाइट व अन्य विभागीय ट्रेनिंग एनएएस के पेपर प्रथम परख एवं आने वाले परख के प्रश्न पत्र विभागीय आदेश सूचनाएं सहित शिक्षण कार्य ऐंड्रोइड फोन व सोशल मीडिया के माध्यम से आदान प्रदान हो रहे है। शिक्षक पूरे दिन ऑनलाइन रहता है। मोबाइल को सूचना तत्र एवं पढाई का प्रमुख जरिया बना दिया है। संगठन का निवेदन है कि विभाग के किसी भी अधिकारी से जारी होने वाले आदेश निर्देश, सूचना प्रारूप, बड़ी-बडी पीडीएफ फाइल निष्ठा व दीक्षा जैसे विभिन्न प्रशिक्षण आदि मोबाइल के माध्यम से करवाए जा रहे हैं। जिसके लिए प्रत्येक शिक्षक को 10 हजार रुपये का एंड्राइड मोबाइल फोन खरीदना आवश्यक व अनिवार्य हो गया है। उक्त मोबाइल हैंड सेट के अधिककाधिक उपयोग का विपरीत असर मोबाइल की मेमोरी पर पड़ने से वह खराब हो जाते है। ऐसे में शिक्षकों को एक से डेढ वर्ष में नए मोबाइल हैंडसेट खरीदने बाध्य होना पड़ रहा है। निवेदन है कि मोबाइल हैंड सेट को खरीदने के अलावा प्रतिमाह 300 रूपये का रिचार्ज डाटा खरीदना भी आवश्यक हो गया है। शिक्षक को सिर्फ और सिर्फ विभाग के कार्य पूर्ण करने के लिए अपना व्यक्तिगत निजी एंड्राइड मोबाइल एवं डाटा खर्च करना पड़ रहा है। जबकि अन्य विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के पास भी मोबाइल हैड सेट है। लेकिन उन्हें मोबाइल हैड सेट विभाग द्वारा दिये गए है अथवा उनके कार्यालयों में वाईफाई कनेक्शन व कम्प्यूटर लगाये गए है। लेकिन शिक्षको के साथ ऐसा नहीं है। यह कि शिक्षा विभाग मोबाइल व डाटा के मामले में निश्चित रूप से अपने विभाग की बचत मानता हो किंतु वास्तव में यह अप्रत्यक्ष रूप से बचत नहीं बल्कि शिक्षकों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। यह कि कतिपय शहरी विद्यालयों में वाईफाई की सुविधा है। परंतु स्कूलों के आला अफसरों एवं प्रधानाचार्यने इसे पासवर्ड से प्रतिबंधित कर रखा है जो कि प्रत्येक शिक्षक को उपयोग नहीं करने दिया जाता। निवेदन है कि प्रत्येक शिक्षक को मोबाइल हैड सेट व डाटा खरीदने तथा मोबाइल पर भेजी जा रही आवश्यक सामग्री प्रिंट करवाने में प्रतिमाह तकरीबन 2300 रूपये खर्च रहा है जो कि शिक्षक की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। वहीं लगातार ऑनलाइन शिक्षण, ट्रेनिंग डाक सूचनाएं गूगल व एक्सल शीट में ऑनलाइन मांगने से शिक्षको की आंखों पर दुष्प्रभाव का असर भी दिखाई पड़ने लग रहा है। संगठन का आग्रह है कि सहानुभूति पूर्वक विचार कर शिक्षक हित में प्रतिमाह 2300 रूपये कन्टेजेंसी व स्टेशनरी भत्ता प्रदान करावे अन्यथा अन्य विभागों के कार्यालयों की तरह प्रत्येक विद्यालय में कम्प्यूटर, बिजली, वाईफाई कनेक्शन, जनरेटर आदि सुविधाएं प्रदान करवाये साथ ही ऑनलाइन शिक्षण कार्य पर प्रतिबंध लगवाते हुए बालको एवं शिक्षकों की आंखों व मानसिकता पड़ रहे दुष्प्रभाव से शिक्षको को बचाने का कष्ट करावे।

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