बीकानेर,सामाजिक न्याय की ना केवल कथनी बल्कि करनी की बात और क कहानीयां राजा राममोहन राय से लेकर ईश्वर चंद विधासागर और आजाद भारत मे बाबू जगजीवण राम और रामबिलास पासवान, जननायक कर्पूरी ठाकुर से मान्यवर काशीराम तक सुनते आये है,
कहते है की राजा राम मोहन राय ने समाज मे महिला उत्थान हेतु तत्कालीन व्यवस्था मे ना केवल बालिका शिक्षा को बढ़ावा और सतीप्रथा पर रोक जैसे ठोस कदमों से हिंदू समाज मे अमूलचुल् परिवर्तन किया, ईश्वर चंद विद्या सागर ने समाज मे तत्कालीन जाति वर्ग के भेदभाव को पाटते हुए दलीत उत्थान मे योगदान दिया, लोकनायक कर्पूरी ठाकुर ने समाज के पिछड़े वर्ग को शासन मे भागीदारी दिलाई तो मान्यवर काशीराम जी ने नाई, बढई , कुंभकार, मोची, सीक्लीगर, धोबी, मछुवारे के बेटे को विधान सभा और विधान परिषद मे कुर्सी सुनिश्चित करवाई सुना है
लेकिन मेने थोड़े से लगभग 20 – 22 वर्ष के सार्वजनिक जीवन मे समाज के अंतिम पंक्ति मे खड़े व्यक्ति की शासन और प्रशासन मे योजनाबद्ध भागीदारी सुनिश्चित करते हुए किसी जगनेता को अगर देखा है तो वो है सांसद अर्जुनराम मेघवाल माननीय सांसद महोदय जिन्होंने अपनी राजनेतिक पारी की सुरुआत 2009 के लोकसभा चुनाव मे बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से प्रथम बार निर्वाचित होने के साथ ही समान के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का काम किया
मेघवाल जी के विगत तीनो कार्यकाल मे वास्तव मे समाज के हर वर्ग को राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित हुई है और तो और समाज के कुछ एक वर्गो को तो शायद आजादी के बाद पहली बार राज की मोरपंखी मिली है
बात मेरे से ही प्रारम्भ करता हूँ 2017 मे मेरे नाई समाज से पहला स्थाई अधिवक्ता – भारत सरकार मनोनीत हुआ, बात अजमल राम भील की करे तो शायद भील समाज का पहला व्यक्ति ” दिशा ” कमेटी का सदस्य बना, बात प्रेमसुख की करे तो शायाद गाड़िया लुहार समाज से पहला अधिवक्ता है जो भारत सरकार के विभागों की न्यायालयों मे पेरवी करेगे
अशोक बोबरवाल, आशकरण मारू, भाई दिल्लु खा कोहरी, लेखराज नायक, मनोज दर्जी, नरेन्द्र सोंनगरा, अशोक मीणा, ऐसे नाम है जिनका योग्यता होने के बावजूद चयन का आधार माननीय सांसद महोदय है. बात कला-जगत मे पद्मश्री अली -गनी बंधुओ की हो या पद्मश्री महैशाराम मेघवाल की, और सेंट्रल नोटेरी – भारत सरकार मे बीकानेर लोकसभा से हुए अभुतपूर्व चयन जिसमे आवेदन करने वाले एडवोकेट और साक्षात्कार देने वाले सभी अधिवक्ताओ को नोटेरी पब्लिक का लाईसँस् जारी हुआ है, बात केंद्रीय विधालय मे एडमिशन की करे या नागरिक उड़यन विभाग के विमानपतन सलाहकार बोर्ड और भारतीय खाद्य निगम की कृषक सलाहकार समिति की, दूरसंचार सलाहकार समिति या रेल्वे उपभोक्ता सलाहकार जोनल लेवल कमेटी सब मे राजपूत समाज, विप्र- ब्राह्मण वैश्य – राजगुरु सहीत सबका साथ – सबका विकास दिखा है बात पिछड़े – वर्ग की राजनेतिक भागीदारी की करे तो केंद्र से लेकर बीकानेर तक स्वर्णिम काल-खण्ड है, इसका अर्थ यह कतई नही है कि जो लोग पहली बार चयनित हुए है इस वर्ग के लोग पहले पात्रता नही रखते या अयोग्य थे या उपलब्ध नही थे, बल्कि यह है की इन वर्गो के लोगो की योग्यता / वरण / चयन की और अर्जुनराम जी मेघवाल से पहले शायद किसी का ध्यान नही गया तभी तो शायद आजादी के बाद पहली बार यह #अमृत चयन हुआ है