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बीकानेर,अणुव्रत समिति, गंगाशहर के द्वारा अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के निर्देशन अणुव्रत अमृत महोत्सव के सम्पूर्ति समारोह का आयोजन स्थानीय शांतिनिकेतन के प्रांगण में सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी के सानिध्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात मंगल मंत्रोच्चार और उपाध्यक्ष करणीदान जी रांका द्वार मंगलाचरण से की गई।

अध्यक्ष भंवर लाल सेठिया ने बताया की साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी ने अपने मंगल उद्बोधन के दौरान अणुव्रत समिति गंगाशहर को अमृत महोत्सव वर्ष पर सक्रियता के साथ जो कार्य किए उस हेतु साधुवाद और आगामी कार्यों हेतु आशीर्वाद और शुभकामना दी । साध्वी श्री जी ने कहा की *मानव में मानवता, धर्म मे धार्मिकता, और समाज में सामाजिकता को स्थापित करने का माध्यम है गुरुदेव तुलसी का महान अवदान अणुव्रत*।
मंत्री मनीष बाफना ने अमृत वर्ष में किए गए कार्यों का ब्योरा और आगामी योजना को प्रस्तुत किया।
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री धर्मेंद्र डाकलिया ने केंद्रीय निर्दिष्ट कार्यों के बारे में बताया।

मंत्री मनीष बाफना ने बताया की कार्यक्रम के दौरान साध्वी श्री स्वस्थ प्रभा जी, साध्वी श्री कंचन बाला जी , साध्वी तितिक्षा श्री जी ने गीतिका और विचार प्रस्तुत किए।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के मंत्री दीपक जी आंचलिया, तेरापंथी सभा के कोषाध्यक्ष जतन जी संचेती , महिला मंडल उपाध्यक्ष मधु जी छाजेड़, निर्मल जी बेद ने अपने विचार प्रस्तुत किए और अणुव्रत समिति के प्रति अपनी शुभकामना प्रेषित की।

अपने अध्यक्षीय वक्तव्य के दौरान भंवर लाल जी सेठिया ने कहा की सभी कार्यों के संपादित होने और शुभ निष्पति प्राप्त करने में विराजित चारित्र आत्माओं का आशीर्वाद , सभी संस्थाओं , श्रावक समाज का सहयोग और अणुव्रत समिति के सभी साथियों का अथक परिश्रम रहा है।

कार्यक्रम के दौरान सत्र 2024 – 26 हेतु महासभा की नवगठित कार्यकारिणी
में भैरुदान जी सेठिया और आचार्य भिक्षु समाधि स्थल संस्थान , सिरियारी की नवगठित कार्यकारिणी में किशन जी बेद और राजेंद्र जी पारख के मनोनित होने पर अणुव्रत समिति की और से पताका पहनाकर सम्मान अध्यक्ष भंवर लाल जी सेठिया, केंद्रीय प्रचार प्रसार मंत्री धर्मेंद्र जी डाकलिया, पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र जी बोथरा ने किया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन सहमंत्री मनोज जी छाजेड़ ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अनिल जी बेद, मांगीलाल जी बोथरा, अनुपम जी सेठिया, चैन सेठिया , आदि का योगदान रहा।

 

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