बीकानेर,केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बीकानेर शहर के तालाब हमारी विरासत हैं। इन क्षेत्रों का विकास करेंगे, साथ ही इनकी ऐतिहासिक विरासत को नष्ट नहीं होने देंगे।
श्री मेघवाल मंगलवार को हर्षाेलाब, देवीकुंड और सागर तालाब में सोशल अम्ब्रेला फाउंडेशन द्वारा विन फ्लूएंश्यिल टेक्नोलॉजी और कोल इंडिया लिमिटेड के सीएसआर फंड से तालाबों के आयुर्वेदिक पद्धति से शुद्धीकरण, तालाब की सफाई, पारिस्थितिक जल उपचार कायाकल्प और पुनरूद्धार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
श्री मेघवाल ने कहा कि आजादी के 75 साल पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार देश के प्रत्येक जिले में 75 तालाब विकसित करने का बीड़ा उठाया गया। इनमें पुराने तालाबों का संरक्षण किया गया तथा नए तालाब भी तैयार किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में सीएसआर मद से भी विभिन्न तालाबों का पुनरोद्धार किया जा रहा है।
केन्द्रीय कानून मंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने शहरी क्षेत्र में अनेक तालाब खुदवाए। इनका रखरखाव किया। इनके लिए पायतान की जमीन छोड़ी, जिससे पानी की आवक हो सके। एक दौर में यह तालाब पेयजल के प्रमुख माध्यम होते थे। इन तालाबों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।
श्री मेघवाल ने बताया कि सोशल अम्ब्रेला फाउंडेशन द्वारा तीनों तालाबों में 74 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। इनमें हर्षोलाब तालाब में 45 लाख, देवीकुंड में 19 और सागर में 23 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। इसके तहत तालाब के पानी का आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक तरीके से उपचार किया जाएगा, जिससे कि यह पानी पीने योग्य हो सके।
हर्षाेलाब तालाब में आयोजित कार्यक्रम में ट्रस्ट के रामकुमार हर्ष ने स्वागत उद्बोधन दिया। सोशल अम्ब्रेला फाउण्डेशन के देव शुक्ला ने पानी के रखरखाव के लिए की जाने वाली गतिविधि के बारे में बताया। वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी हर्ष ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन रविन्द्र हर्ष ने किया। विक्टोरियस सीनियर सैकण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों ने वैदिक मंत्रों की प्रस्तुति दी।
इस दौरान मोती लाल हर्ष, प्रेम नारायण हर्ष, रामकुमार हर्ष, शिव कुमार रंगा, सम्पत पारीक, आनंद कुमार हर्ष, उप महापौर राजेन्द्र पंवार, पार्षद सुधा आचार्य, अनिल हर्ष, मुकेश पंवार, ओंकार नाथ हर्ष, नितिन हर्ष, विजय शंकर हर्ष, लक्ष्मण मोदी, संजय हर्ष, मनोज व्यास आदि मौजूद रहे।
वहीं सागर में आयोजित कार्यक्रम में सरपंच राम दयाल गोदारा ने विचार रखे। इस दौरान परियोजना प्रमुख रचना कालरा, चम्पालाल गेदर, गुमान सिंह राजपुरोहित, महावीर सिंह चारण, भंवर लाल, रामलाल चाहर, शालूराम, मोहन राम, किषन लाल नैण, भैराराम सोखल, सूरजाराम, हीराराम, हेमंत कुमार, दशरथ सुथार और प्रेम कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।