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बीकानेर,अणुव्रत समिति , गंगाशहर द्वारा स्थानीय शांतिनिकेतन के पावन प्रांगण में अणुव्रत काव्य धारा का आयोजन साध्वी श्री संपूर्ण यशा जी, साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी, साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी के सान्निध्य में किया गया। डॉ. उमाकांत गुप्त, श्री इरशाद अजीज, श्रीमती मोनिका गौड़, श्री जुगल किशोर पुरोहित आदि कविगणों ने इस सम्मेलन में शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत मंगल मंत्रोच्चार और महिला प्रकोष्ठ द्वारा मंगलाचरण से हुई। कार्यक्रम के प्रथम चरण में अतिथियों का परिचय मंत्री मनीष बाफना ने दिया, स्वागत वक्तव्य किशन जी बेद ने दिया, विषय भूमिका पर विचार अध्यक्ष भंवर लाल सेठिया ने रखे।

अध्यक्ष भंवर लाल सेठिया ने बताया की साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी ने अपने मंगल पाथेय में कहा की गुरुदेव तुलसी का अवदान अणुव्रत मानव को मानव बनाने वाला है।आवश्यकता है इसे आचरण में उतारा जाए।
साध्वी श्री कृतार्थ प्रभा जी, साध्वी श्री मल्लिका श्री जी, साध्वी श्री प्रभा श्री जी ने काव्य के माध्यम से समसामयिक विषयों पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के द्वितीय चरण में कविगणों ने काव्य पाठ किया । मंत्री मनीष बाफना ने बताया की कवि डॉ. उमाकांत गुप्त ने वर्तमान परिस्थितियों पर अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा की “*कहीं जल है, कही जला है, ये कैसी हवा है* ”
गुरुदेव तुलसी को स्मरण करते हुवे उन्होंने कहा की *चंदन की चुटकी भली* उनकी पुस्तक पहली बार पढ़ी और मैं उनका मुरीद हो गया।

शायर इरशाद जी अजीज ने जीवन में मानव मूल्यों के मर्म को काव्य में समाहित करते मानव की वर्तमान स्थिति को बताते हुवे कहा की *आपस में जो इंसान लड़ा दे वो काहे का मानव है।*

कवयित्री मोनिकाजी गौड़ ने मायड़ और हिंदी में अपने काव्य को प्रस्तुत करते हुवे सामाजिक परिवेश की विभिन्न स्थितियां, परिवार और बेटी पर अपनी रचना प्रस्तुत की

कवि जुगल किशोरजी पुरोहित ने जीवन में माता पिता के महत्व को बताते हुवे अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण का संचालन कवयित्री मोनिका जी गौड़ ने किया।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में कवि गणों का साहित्य ,पताका , और अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान अध्यक्ष भंवरलाल सेठिया, आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान अध्यक्ष हंसराज जी डागा , अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री धर्मेंद्र डाकलिया,महासभा के कार्यकारिणी सदस्य भैरुदान जी सेठिया, सभाध्यक्ष अमरचंद जी सोनी, महिला मंडल अध्यक्ष संजू जी लालानी , शारदा जी डागा, मंजू जी आंचलिया,संतोष जी बोथरा, अनुपम जी सेठिया आदि ने किया । इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारी चिकमंगलुर अणुव्रत समिति अध्यक्ष मंजुला जी भंसाली का भी अणुव्रत पताका पहनाकर और साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया । आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष करणीदान जी रांका ने किया।

कार्यक्रम में दीपक जी आंचलिया,राजेंद्र जी नाहटा, लालचंद जी भंसाली, नारायण चंद जी गुलगुलिया, राजेंद्र जी बोथरा,तेयूप अध्यक्ष अरुण जी नाहटा आदि की और श्रावक समाज की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम को सफल बनाने में किशन जी बेद, मनोज छाजेड़, राजेश बेद, मनोज सेठिया, रोशन बाफना , मांगीलाल बोथरा , राजेश बुच्चा आदि का योगदान रहा।

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