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बीकानेर,पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त, (निर्वाचन विभाग) भारत सरकार, नई दिल्ली, आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, जयपुर व जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर, बीकानेर को पत्र लिखकर वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव की शुरूआत से पूर्व पत्र द्वारा मुख्य चुनाव आयोग, भारत सरकार द्वारा मतदान केन्द्र की दो किलोमीटर से अधिक दूरी नहीं होने के भारत के विभिन्न प्रदेशों के राज्य निर्वाचन आयोगों को सूचित कर, आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश देने के बावजूद राजस्थान में इसकी पालना नहीं करने के संबंध में अवगत कराया।

भाटी ने मुख्य चुनाव आयोग, नई दिल्ली के उपरोक्त निर्देशों के बावजूद राजस्थान निर्वाचन आयोग, जयपुर ने स्वतःस्फूर्त इसकी पालना नहीं की है। हमने अपने अलग-अलग पत्रों से राज्य निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन आयोग को अपने पत्र क्रमांक पत्रांक 1402 दिनांक 23.09.2023 व पत्रांक 1504 दिनांक 19.10.2023 व पत्रांक 35 दिनांक 12.01.2024 तथा मौखिक रूप से सूचित करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

राजस्थान के जिला बीकानेर के विधानसभा क्षेत्र श्रीकोलायत (015) में 6/8 एएम संतोषनगर राजस्व गांव को मतदान केन्द्र जागणवाला से राजस्व रिकॉर्ड अनुसार 7 कि.मी. की दूरी होने के बावजूद नया मतदान केन्द्र चक 6/8 एएम संतोषनगर को नया मतदान केन्द्र घोषित नहीं किया है। विडम्बना यह है कि चक 6/8 एएम संतोषनगर ग्राम पंचायत मुख्यालय घोषित हैं।

यह जिला प्रशासन, जिला निर्वाचन आयोग की घोर लापरवाही और अनदेखी है। बूढ़े, बुजूर्ग, दिव्यांग, अंधे व्यक्तियों को 7 कि.मी. दूर जाने को मजबूर किया जा रहा है, इस कारण ग्रामीण जिला मुख्यालय पर भूख हड़ताल करने पर मजबूर किया जा रहा है।

विदित हो कि राजस्थान विधानसभा चुनाव सन् 1985 से पूर्व मुख्य चुनाव आयोग, नई दिल्ली ने घोषणा की थी कि मतदान केन्द्र की दूरी 3 किलोमीटर से ज्यादा नहीं हो। उस समय भी मुख्य निर्वाचन, नई दिल्ली के निर्देशों की अवहेलना होने पर श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने सात नये मतदान घोषित करने के लिए बीकानेर मुख्यालय पर धरना दिया था।

भाटी ने बताया कि सन् 1985 में चुनाव पूर्व मतदाता सूचि तथा मतदान केन्द्रों की अधिसूचना जारी होने के बावजूद सात नये मतदान केन्द्र घोषित किये गये थे। यथा 13-13 A, 112, 112 A आदि पंवारवाला, नोखा उर्फ दैया, राणासर आदि सात नये मतदान केन्द्र पुनः संशोधित प्रक्रिया से घोषित किये गये थे और मतदान का प्रतिशत उन गांवों, मतदान केन्द्र पर 90 प्रतिशत से अधिक होकर रिकॉर्ड बना दिया गया था ।

अतः निर्वाचन आयोग तुरन्त भूल सुधार करें, नहीं तो हम आमरण अनशन करने को मजबूर होगें ।

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