बीकानेर, मुक्ति संस्था द्वारा कुसुम देवी डागा स्मृति 16वां घुटना दर्द निवारण शिविर सोमवार को ब्रह्म बगीचा में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर विधायक जेठानंद व्यास थे। उन्होंने कहा कि बीकानेर भामाशाहों और दानदाताओं की धरती है। शहर के लोग सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। बीकानेर कि इस परंपरा को आगे बढ़ाने में डागा परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने मुक्ति संस्थान द्वारा सामाजिक सरोकार की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि परहित से बड़ा कोई धर्म नहीं है। जरूरतमंद और पीड़ित व्यक्ति की सेवा करना परंपरा का हिस्सा रहा है। आज के दौर में यह बेहद प्रासंगिक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रोटरी क्लब के पूर्व गवर्नर राजेश चूरा ने कहा कि घुटना रोग से पीड़ित व्यक्ति को निशुल्क परामर्श और चिकित्सा देना कुसुम देवी डागा को सच्ची श्रद्धांजलि है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महावीर इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष डाॅ.नरेश गोयल ने कहा कि वर्तमान दौर में पीड़ित परिवार की सेवाकार्य भगवान की अराधना के समान है।
मुक्ति संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट हीरालाल हर्ष ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा लगातार 16वीं बार यह शिविर आयोजित किया गया है। संस्था द्वारा अब तक लगभग साढ़े छ हजार से अधिक लोगों को निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा उपलब्ध करवाई गई है वहीं सोमवार के शिविर में 470 लोगों को निशुल्क नीकैप उपलब्ध करवाए गए।
इससे पहले व्यास-चूरा-गोयल ने दीप प्रज्वलन कर शिविर की शुरुआत की।
कार्यक्रम का संचालन राजाराम स्वर्णकार ने किया। उन्होंने बताया कि शिविर में डॉ. हेमंत व्यास, डॉ सुभाष भास्कर, डॉ. मारुति नंदन स्वामी और डॉ. भारती पुरोहित ने सेवाएं दी। इस अवसर पर चिकित्सकों का शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं अभिनंदन पत्र भेंटकर स्वागत किया गया।
सखा संगम के अध्यक्ष एन. डी.रंगा ने कुसुम देवी डागा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। शिविर में 101 वर्षीय वृद्ध ने भी चिकित्सा परामर्श लाभ लिया।
इस दौरान राजेन्द्र जोशी,तोलाराम पेडीवाल और डाॅ.अजय जोशी ने भी विचार व्यक्त किए। एडवोकेट महेंद्र जैन ने आगंतुकों का आभार जताया।
कार्यक्रम में पूर्व पार्षद हजारी देवड़ा, पन्ना लाल मेघवाल,शिवकुमार थानवी,मांगीलाल भद्रवाल, विष्णु शर्मा,नागेश्वर जोशी, पार्षद प्रदीप उपाध्याय, गोपाल आचार्य, कार्यक्रम प्रभारी पूर्णचंद राखेचा, बृजगोपाल जोशी, मुरली मनोहर पुरोहित डॉक्टर फारुख चौहान, शिव शंकर शर्मा, सुभाष जोशी, शिवकुमार पुरोहित आदि मौजूद रहे।