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बीकानेर,श्रीअन्न (मिलेट्स) और उससे बने उत्पादों को फिर से खानपान की मुख्यधारा में लाने की जरूरत है। भारतीय खाद्य श्रीअन्न ( मिलेट्स) स्वास्थ्य के लिए बेहद स्वास्थ्यवर्धक हैं। ये कहना है राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का जो सोमवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित 21 दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

मानव संसाधन विकास निदेशालय में चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मोटा खाओ, मोटा पहनो की कहावत हमने खूब सुनी है। अब इसे फिर से साकार करने की जरूरत है। अब उत्पादन बढ़ाने की होड़ में गेहूं इत्यादि में अत्यधिक रासायनिक उर्वरक और खाद का उपयोग किया जा रहा है। जिससे कैंसर जैसी बिमारियों का खतरा बढ़ गया है। साथ ही उन्होने कहा कि कृषि वैज्ञानिक केवल लैब तक ही सीमित ना रहें, वे गांव के अंतिम छोर पर बैठे किसान और मजदूर की आवश्यकताओं को पूरा करें। तभी उनकी रिसर्च सार्थक है।

इस अवसर पर कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे विशिष्ट अतिथि खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि श्रीअन्न के सेवन से ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों कम होते हैं। राज्य सरकार मोटे अनाज को विश्व के सभी देशों में निर्यात करने और इसके उत्पादन को बढ़ाने हेतु कटिबद्ध है। ताकि किसानों की आय भी दुगुनी हो।

प्रशिक्षण कार्यक्रम संयोजक और सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ विमला डुंकवाल ने बताया कि ”खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए बाजरा आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना” विषय पर चल शीतकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम में 11 राज्यों के 25 वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स विभिन्न स्टार्टअप के जरिए श्रीअन्न को बढ़ावा देने में जुटे हैं।

अनुसंधान निदेशक डॉ पीएस शेखावत ने स्वागत उद्बोधन देते हुए श्रीअन्न के राज्य और देश में उत्पादन, वैरायटी व उनके गुणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के आख़िर में डॉ प्रसन्नलता आर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का बुके देकर और साफ़ा पहनाकर स्वागत किया गया। वीडियो क्लिप के जरिए विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। मंच संचालन डॉ मंजू राठौड़ ने किया।

कार्यक्रम में छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ वीर सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुभाष चंद्र,मानव संसाधन विकास निदेशालय के निदेशक डॉ ए के शर्मा, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पीके यादव, कृषि व्यवसाय एवं प्रबंधन संस्थान निदेशक डॉ आईपी सिंह, भू सदृश्यता एवं आय सर्जन निदेशक डॉ दाताराम, अतिरिक्त निदेशक अनुसंधान डॉ पीसी गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ आरएस राठौड़, कृषि अभियांत्रिकी विभागाध्यक्ष डॉ जितेन्द्र कुमार गौड़, आचार्य एवं विभागाध्यक्ष प्रसार शिक्षा गृह विज्ञान डॉ नीना सरीन, प्रोफेसर चेतन राम पुरोहित सहायक आचार्य डॉ अरविंद झाझड़िया, समेत अन्य विभागाध्यक्ष एवं शैक्षणिक स्टॉफ समेत शीतकालीन प्रशिक्षण में हिस्सा ले रहे वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

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