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बीकानेर,बीएलओ कार्य के बहिष्कार को लेकर चुरु जिले के शिक्षक ताराचन्द और गिरधारी लाल को एसडीएम की अनुशंसा पर जिला कलेक्टर, चुरु द्वारा निलंबित किए जाने की राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने कड़ी निंदा की है। संगठन ने जिला कलेक्टर चुरु की तानाशाही पूर्ण कार्यवाही के विरोध में और निलंबित शिक्षकों को बहाल किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया है।

प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित ने बताया कि सार्वजनिक शिक्षा को बचाने की मुहिम में, “हमें पढ़ाने दो” की थीम पर प्रदेश में लम्बे समय से गैर शैक्षिक कार्यों के बहिष्कार को लेकर शिक्षक समुदाय आंदोलनरत है। लेकिन प्रशासन ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया है और समाधान की तरफ़ बढ़ने का प्रयास नहीं किया है, रतनगढ़ ( चूरु ) में बी एल ओ कार्य के बहिष्कार को लेकर एस डी एम की अनुशंसा पर जिला कलक्टर चूरु ने शिक्षक ताराचंद और गिरधारी लाल को निलम्बित कर शिक्षक वर्ग में भय पैदा करने का प्रयास किया है, जिसे प्रदेश का शिक्षक बर्दास्त नहीं करेगा।
जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल ने कहा कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 तथा मुख्य सचिव के आदेश दिनांक 05.06.2020 में 10 बर्षीय जनगणना, निर्वाचन एवं आपदा प्रबंधन के कार्यों के अतिरिक्त शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों में नहीं लगाये जाने के आदेश हैं लेकिन‌ प्रशासनिक अधिकारी नियमों के विपरीत बीएलओ सहित तमाम गैर शैक्षिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगा रहे हैं जिससे विधालयों में छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है और नामांकन प्रभावित होता है। इसलिए संगठन गैर शैक्षिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाये जाने का लम्बे समय से विरोध कर रहा है।
जिला मंत्री भंवर सांगवा ने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा के ढाँचे को मज़बूत करने के लिए शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जावे तथा रतनगढ़ चूरु के दोनों शिक्षकों का निलम्बन निरस्त किया जावे।
जिला प्रवक्ता अरूण गोदारा ने बताया कि यदि समय रहते शिक्षकों की इस पीड़ा को गम्भीरता से नहीं लिया गया और दोनों शिक्षकों का निलम्बन शीघ्र निरस्त नहीं किया गया तो प्रान्तीय आव्हान पर 1 मार्च, 2024 को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर चूरु जिला कलक्टर के पुतले दहन किए जाएँगे और आंदोलन को तीव्र किया जाएगा।

 

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