बीकानेर,भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय बीकानेर की ओर से सोमवार को पांच दिवसीय पुस्तक मेले का पुस्तकालय सभागार में शुभारंभ हुआ। पुस्तक मेले में बीकानेर संभाग के प्रकाशक भाग ले रहे हैं।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डॉ. नितिन गोयल ने पुस्तकों के महत्त्व को उजागर करते हुए कहा कि पुस्तकें हमें सही मार्ग दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं। पुस्तकें ज्ञान और प्रेरणा का भंडार होती हैं। उन्होंने पुस्तक मेले में बीकानेर के लेखकों की पुस्तकों का एक अलग स्टॉल होने की आवश्यकता जताई। समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सचिव शरद केवलिया ने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से एक पीढ़ी का ज्ञान अगली पीढ़ी तक पहुंचता है। हजारों वर्ष पूर्व के समय की जानकारी पुस्तकों के द्वारा ही हमें प्राप्त होती है। इंटरनेट के युग में भी पुस्तकों का महत्त्व कम नहीं हुआ है। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार अब्दुल शकूर बीकाणवी ने कहा कि पुस्तकों के अध्ययन से ही हम अपने देश की महान संस्कृति, इतिहास व विरासत को जान सकते हैं। पुस्तकें देश की एकता, अखंडता व गौरव को अक्षुण्ण बनाए रखने में सहायक हैं। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार आत्माराम भाटी ने कहा कि पुस्तकें शैक्षणिक, भावनात्मक, सामाजिक विकास में सहायक हैं। विद्यार्थी उत्कृष्ट पुस्तकें पढ़ें, जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि हो। साहित्यकार जुगल किशोर पुरोहित ने पुस्तक मेले की महत्ता पर प्रकाश डाला। समारोह का संचालन करते हुए पुस्तकालयाध्यक्ष विमल शर्मा ने बताया कि पांच दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन राज्य सरकार की सौ दिवसीय कार्ययोजना के तहत किया गया है। पुस्तक मेले में राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, सूर्य प्रकाशन मंदिर, विकास प्रकाशन, साधुमार्गी पब्लिकेशन गंगाशहर आदि प्रकाशकों ने बुक स्टॉल्स लगाई हैं।
इससे पूर्व अतिथियों ने पुस्तक मेले का विधिवत उद्घाटन किया व विभिन्न बुक स्टॉल्स का अवलोकन किया। इस अवसर पर नेमीचंद, विकास पारीक, मोहनीश पंचारिया, गंगाबिशन बिश्नोई, महेश पांडिया, विजय कुमार, भंवरलाल, चरण जोत सिंह, शौकत अली, श्रीनिवास थानवी, कानसिंह, रामअवतार तिवाड़ी, शिवानी सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन, विद्यार्थी मौजूद थे।