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बीकानेर,राजस्थान सरकार की आरजीएचएस योजना में विभिन्न विसंगतियों के चलते महिला कार्मिकों को भारी नुकसान होने की स्थिति को लेकर शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर ध्यान आकृष्ट किया है।
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद पुष्करणा ने बताया कि इस योजना की शुरुआत में आरजीएचएस के अंदर महिला कार्मिकों को उनके माता, पिता या सास, ससुर शामिल करने का विकल्प दिया गया था। जो हमारी संस्कृति और हर तरह के विवाह कानून के तहत ही है।लेकिन पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल के अंतिम साल में इस नियम को अधिकारियों ने अपने ही स्तर पर बदल कर केवल माता, पिता को ही पात्र मान लिया। यहीं नहीं जिन महिला कार्मिकों ने अपने सास, ससुर का इलाज करवा लिया था उनसे तीन गुणा राशि को वसूल भी किया गया। ऐसा नहीं करने वाली महिला कार्मिकों का आरजीएसएस कार्ड भी ब्लॉक कर दिया गया। सरकार में उच्च स्तर पर इसकी जानकारी होने के बाद कार्ड को अनब्लॉक तो कर दिया गया, लेकिन आचार संहिता के चलते विसंगतियों का निस्तारण नहीं किया जा सका।
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश संघठन मंत्री घनश्याम,महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि वसूली को लेकर अभी भी महिला कार्मिकों पर दबाव बनाया जा रहा है। राजस्थान की कल्याणकारी सरकार युवा और महिला को सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रयासरत्त है।
प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने सरकार से आग्रह किया है कि आरजीएचएस की विसंगतियों को दूर कर महिला कार्मिकों को माता, पिता या सास, ससुर में किसी को शामिल करने के विकल्प दिलवाने की अनुमति प्रदान करवाएं। यह महिला कार्मिक के हित में उठाया जाने वाला कल्याकारी कदम होगा। जिससे वे अपने परिवार की देखभाल ठीक तरह से कर सकेगी।
संघठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद पुष्करणा,प्रदेश संघठन मंत्री घनश्याम,महामंत्री महेंद कुमार लखारा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष संपत सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सुषमा विश्नोई ,प्रदेश उपाध्यक्ष माध्यमिक डॉ. अरुणा शर्मा,अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य,प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई,प्रदेश सयुक्त मंत्री सुरेश व्यास ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस विसंगति को दूर कर सरकार महिला कार्मिको को राहत प्रदान करे।

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