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बीकानेर,राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से कक्षा 10 एवं 12 के विद्यार्थियों के लिए आंतरिक मूल्यांकन में अंक देने संबंधी जारी आदेश को शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने अव्यावहारिक करार देते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की है।

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा एवम प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि सत्र के अंत में यह आदेश लागू करना पूर्ण रूप से अव्यवहारिक है। विभाग को इस प्रकार का आदेश जारी करना ही है तो सत्र के प्रारंभ में करना चाहिए, अब 29 फरवरी से बोर्ड परीक्षा प्रारभ होने वाली है। बोर्ड द्वारा सत्रांक व्यवस्था लागु करने के पीछे उद्देश्य रहा है कि सत्रांक के कारण सीबीएसई का परिणाम उच्च रहता था तथा राजस्थान बोर्ड का परिणाम काफी कम रहता था जिससे देशभर में राजस्थान बोर्ड एवं विभाग की प्रतिष्ठा कई बार धूमिल हुई है और उच्च शिक्षा में प्रवेश हेतु राजस्थान बोर्ड के विद्यार्थी पिछड़ते रहे है। इस आदेश का प्रभाव मुख्यतः सरकारी विद्यालय और सरकारी शिक्षको पर ही पडेगा जिससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान आदेश से मिलने वाले सत्रांक से राजस्थान के बच्चे मानसिक दबाव के चलते अपनी स्कूल शिक्षा भी पूर्ण नहीं कर पाएंगे। जो नई शिक्षा नीति 2020 का विरोधाभास है। जिलामंत्री नरेंद्र आचार्य ने कहा की इस वर्ष की सत्रांक की अंक सूचियां बनाई जा चुकी है, ऐसे समय में इस तरह के आदेश तर्कसंगत नहीं है।
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद पुष्करणा , प्रदेश संघठन मंत्री घनश्याम जी, महामंत्री महेंद्र लखारा,अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि इस वर्ष इस आदेश पर छात्र हित में पुनर्विचार करते हुए निरस्त कर इस पर पुनः विचार किया जाना चाहिए।

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