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श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर,मरुभूमि शोध संस्थान रै तत्वावधान में मायड़भासा दिवस रै टांणै एक संगोष्ठी श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय मांय राखीजी। संगोष्ठी में सामाजिक कार्यकर्ता श्याम आर्य कह्यो कै मां रै दूध सूं सरीर रो पोसण होवै जदकै मां री सिखायोड़ी भासा सूं विचार अर विवेक रो पोसण होवै। जिको बालक मातृभाषा में भणाई नीं करै, बीं री कलपना सगति सदाई कमजोर रैवै।

राजस्थानी अकादमी रा पैलड़ा अध्यक्ष श्याम महर्षि कह्यो कै राजस्थानी नै राजभासा बणायां सूं सरकार रै कोई नुकसाण कोनी अर दूजै कांनी अठै री जनता नै आपरी भासा में बोलण, पढण अर आपरी बात आपरी भासा में कैवण रो मौलिक हक मिलै। सामाजिक कार्यकर्ता रामचन्द्र राठी कह्यो कै आपां नै सरकार नै चेतावण सारू लूंठा धरणा प्रदरसण करणा चाइजै। साहित्यकार डाॅ चेतन स्वामी कैयो कै सरकार चावै तो विधानसभा रै अगलै सत्र में राजस्थानी नै राजभासा बणावण री घोसणा कर सकै। पुस्तकालय मंत्री भंवर भोजक अर पत्रकार शुभकरण पारीक भी मातृभाषा पेटै आपरा विचार परगट करया। मायड़ भाषा मान्यता वास्ते दिल्ली जनतर मनतर पर हुयो धरने पर श्रीडूंगरगढ़ रा श्याम महर्षि तोलाराम मारू और बीकानेर जिले राजस्थान का मोकल्ला जणा और राजस्थानी भाषा रा हेतालू विधायक सांसद भी पहुंचा हा।

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