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बीकानेर,हिन्दी मंचों के जानेमाने कवि- गीतकार एवं शायर संजीव निगम के बीकानेर पधारने पर अज़ीज़ आज़ाद लिटरेरी सोसायटी (आल्स) की तरफ से रविवार को उनके सम्मान में एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। राजमाता सुदर्शना कुमारी कला दीर्घा में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता समालोचक डॉ. उमाकांत गुप्त ने की। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ रचनाकारों का सम्मान करना बीकानेर की पुरानी परम्परा रही है। उन्होंने संजीव निगम की ग़ज़लों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि निगम की रचनाओं में आज के जीवन का स्पन्दन अनुभव होता है।

कार्यक्रम के आरम्भ में संयोजक संजय आचार्य वरुण ने कहा कि बीकानेर शहर केवल साहित्य रचने वाला शहर नहीं बल्कि उसे अपने भीतर जीने वाला शहर है।
आगंतुकों का स्वागत करते हुए शायर क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि साहित्य भौगोलिक दूरियां मिटाकर लोगों को करीब लाता है। आल्स के मंत्री और शायर इरशाद अज़ीज़ ने कहा कि आज का आयोजन दिल्ली और बीकानेर के साहित्यिक सम्बन्धों को मजबूती देने वाला कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि कवि और शायर मानवीयता के सच्चे पैरोकार होते हैं।
अतिथि रचनाकार संजीव निगम ने इस अवसर पर चुनिन्दा रचनाओं की प्रस्तुति दी। अज़ीज़ आज़ाद लिटरेरी सोसायटी की ओर उनका और उनकी धर्मपत्नी नीलिमा निगम का अभिनंदन किया गया। गायत्री प्रकाशन, बीकानेर की ओर से अतिथि रचनाकार सहित सभी उपस्थित स्थानीय रचनाकारों को साहित्यिक पुस्तकों का सैट भेंट किया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब, कवयित्री प्रमिला गंगल, सरोज भाटी, निर्मल कुमार शर्मा, इमदादुलाह बासित, वली मोहम्मद ग़ौरी, लीलाधर सोनी, जुगल पुरोहित, गुलाम मोहियुद्दीन माहिर, अमित गोस्वामी, बुनियाद हुसैन ज़हीन, सरोज भाटी, गंगाबिशन विश्नोई, बाबूलाल छंगाणी, असद अली असद, अब्दुल शकूर, राजेंद्र स्वर्णकार, नेमचंद गहलोत एवं ज़ियाउल हसन क़ादरी ने अपनी प्रतिनिधि रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम में शमीम अहमद, बिलाल अहमद एवं रोशन अली आदि श्रोतागण उपस्थित रहे। आगंतुकों के प्रति आभार शायर अब्दुल जब्बार जज्बी ने व्यक्त किया।

 

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