बीकानेर,कोलकाता के समाजसेवी केदारनाथ उपाध्याय ने कहा कि पुष्करणा ब्राह्मण समाज का ओलंपिक सावा परंपराओं और संस्कारों के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम है। ऐसे आयोजनों से देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले पुष्करणा स्वजातीय बंधु एक-दूसरे के रीति रिवाज को समझते और जान पाते हैं।
उपाध्याय ने रविवार को बारह गुवाड़ में श्री महर्षि जनार्दन गिरी पुष्टिकर शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह उद्गार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि बीकानेर शहर में सदियों पुरानी ओलंपिक सावे की परंपरा का आज भी निर्वहन हो रहा है। यह अपने आप में अनुकरणीय है। इस दौरान उपाध्याय को महर्षि जनार्दन गिरी विशिष्ट सेवा सम्मान अर्पित किया गया तथा संस्थान के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन भी किया गया। जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हरि शंकर आचार्य ने कहा कि सोशल मीडिया के युग ने ओलंपिक सावे को नई पहचान दी है। आज देश के विभिन्न क्षेत्रों में बीकानेर में सादगी से होने वाले इस सावे की चर्चा हो रही है।
संस्थान के व्यवस्थापक आनंद पुरोहित ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले समाज के प्रतिनिधियों को महर्षि जनार्दन गिरी विशिष्ट सेवा सम्मान प्रदान किया जा रहा है। इस दौरान उन्हें साफा, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
इस अवसर पर उदयपुर के सुनील पनिया, संस्थान सचिव सुनील हर्ष, कार्यकारिणी सदस्य उमाशंकर व्यास, रामेश्वर लाल आचार्य, कमलेश बोहरा, मंगल चन्द आचार्य, अनीता हर्ष, जाह्नवी और मिष्टी हर्ष आदि मौजूद रहे।