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बीकानेर,संभाग के सबसे बड़े राजकीय महाविद्यालय डूंगर महाविद्यालय में आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के निर्देशानुसार 12 से 15 फरवरी तक आयोजित छात्रा जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन रेंसी प्रीतम सेन का “महिला हिंसा प्रतिरोध के मजबूत उपाय” विषय पर विस्तृत व्याख्यान हुआ। आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए उन्होंने बालिकाओं को तीन “ए”को सदैव याद रखने के लिए कहा, अवेयरनेस, एसेसमेंट और एक्शन। अपने कठोर अंगों से प्रतिपक्षी के कोमल अंगों पर प्रहार करके स्वयं को विपत्ति से बचाया जा सकता है। आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देते हुए उन्होंने कई सरल प्रयोग सिखाएं, जिनसे बालिकाएं अपनी रक्षा स्वयं करने में सक्षम हो सकती हैं। तत्काल उपलब्ध साधनों के द्वारा ही अपना बचाव कैसे किया जाए इसका लाइव डेमो देकर छात्राओं को लाभान्वित किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रो. इंद्र सिंह राजपुरोहित सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं , उनकी रोकथाम के लिए बालिकाओं को साहस के साथ अपनी शक्ति का प्रयोग करना होगा ताकि वे असामाजिक तत्वों की बुरी मानसिकता व तुच्छ हरकतों से अपने आप को सुरक्षित कर सकें। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. सुषमा सोनी ने बताया कि श्री प्रीतम सेन पिछले 30 वर्षों से लगातार मार्शल आर्ट की विविध विधाओं के माध्यम से बालिकाओं को आत्मरक्षा के तरीके सिखाकर उनमें आत्मविश्वास भर रहे हैं। अब तक आपने लगभग पचास हजार महिलाओं को आत्मरक्षा हेतु स्वयं सक्षम बना दिया है। कार्यक्रम में महाविद्यालय की नियमित छात्राओं के अतिरिक्त समिति की सदस्याएं प्रो. श्यामा अग्रवाल, प्रो. सुरुचि गुप्ता, प्रो. अनिला पुरोहित, प्रो. सुनीता गोयल, प्रो. करबी साह, डॉ.अनीता गोयल, डॉ.सुनीता मंडा, डॉ . उमा,निधि शर्मा इत्यादि की गरिमामय उपस्थिति व सहभागिता रही‌।

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