बीकानेर,माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर 14 फ़रवरी को बसन्त पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन से ही बसन्त ऋतु का आगमन शुरू हो जाएगा. साथ ही इस दिन माता सरस्वती की विशेष पूजा के साथ ही सावे का भी अबूझ मुहूर्त होगा.
इस वजह से इस दिन बड़ी संख्या में शादियां होंगी. जानकारी के अनुसार इस दिन जहां बीकानेर में 500 से ज़्यादा शादियां होंगी वहीं प्रदेश भर में 30 हज़ार से ज़्यादा विवाह समारोह होंगे.
अबूझ सावे को देखते हुए सभी मैरिज हॉल, गार्डन, टेंट, डेकोरेशन, फ़ोटो और वीडियोग्राफर और हलवाई बुक हो चुके हैं. इस मुहूर्त के बाद अगला अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया के दिन ही रहेगा. हालांकि अक्षय शादियों के लिए अबूझ मुहूर्त है,इस बार अक्षय तृतीया पर गुरु और शुक्र दोनों ही अस्त रहेंगे. इस कारण इस दिन होने वाली शादियों की संख्या कम रहेगी.
शिक्षा, कला, साहित्य और संगीत आदि क्षेत्रों के लिए है ख़ास
गौरतलब है कि यह दिन शिक्षा, कला, साहित्य और संगीत आदि क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए ख़ास है. शास्त्रों में इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व बताया गया है. बसन्त पंचमी का दिन किया भी शुभ कार्य के लिए बेहद उत्तम माना जाता है. जाने माने ज्योतिर्विद पंडित हरिनारायण मन्नासा के अनुसार पंचमी की तिथि की शुरुआत 13 फ़रवरी को दोपहर 2 बज कर 44 मिनट से होगी और अगले दिन अर्थात 14 फ़रवरी को दोपहर 12 बज कर 10 मिनट पर इसका समापन होगा.
अबूझ मुहूर्त होने के कारण पूरे दिन ही पूजा और शुभ कार्य किए जा सकते हैं. 14 फरवरी को बसंत पंचमी है, जो पूजा का मुहूर्त 14 फ़रवरी को सुबह 7 बज कर 8 मिनट से लेकर दोपहर 12 बज कर 10 मिनट तक रहेगा. बसन्त पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त 5 घंटे और 2 मिनट का रहेगा.
इस बार बसन्त पंचमी पर रहेगा त्रिग्रही योग
इस बार बसन्त पंचमी पर मकर राशि में मंगल, बुध और शनि का त्रिग्रही योग रहेगा. इसके साथ कुंभ राशि में सूर्य और शनि का भी द्विग्रही योग होगा. इस दिन 9 रेखीय सावा है. मंगल के उच्च राशि में होने के कारण विद्या और भूमि से जुड़े कार्यों सहित व्यापार शुरू करने के लिए ये दिन बेहतर माना गया है.