बीकानेर,शहर के बाजारों में सिक्के के चलन को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। दुकानदार सिक्के लेने से इनकार कर रहे हैं, तो कुछ बैंक सिक्के लेने से आनाकानी कर रहे है। दुकानदार यह कह कर सिक्के लेने से मना कर रहे हैं कि उनसे भी बड़े दुकानदार सिक्के नहीं ले रहे है, ऐसे में उनके पास पहले से स्टॉक हो गया है, वहीं बैंक में भी सिक्के जमा कराने जाने पर आनाकानी की जा रही है। इसके चलते शहर में दुकानदारों के पास एक, दो व पांच रुपए के करीब साठ लाख से अधिक के सिक्के अटके हुए हैं। जानकारी के अनुसार सिक्के प्रचलन में लगभग तीस वर्षों तक चल सकते हैं। इससे पहले कि वे उपयोग के लिए घिसे-पिटे हो जाएं। जब सिक्के अपने जीवन के अंत तक पहुंचते हैं तो उन्हें प्रचलन से हटा दिया जाता है। बैंक में एक बार में सिर्फ दस सिक्के एक व दो रुपए के सिक्के अधिकृत रूप से प्रचलन से बाहर नहीं किए गए हैं, लेकिन व्यापारी व सामान्य जन इनका लेनदेन नही कर रहा है। वहीं बैंक के नियम के अनुसार एक ग्राहक एक बार में एक या दो रुपए के महज दस सिक्के ही जमा करवा सकता है। अधिक सिक्के को एक साथ जमा करवाने के लिए बैंक अपने निर्णय के अनुसार कार्य करता है। बैंक अधिकारियों की मानें तो अगर कोई व्यक्ति किसी भी सिक्के को लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है. उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई होगी. मामले की शिकायत रिजर्व बैंक में भी की जा सकती है. इसके बाद दुकानदार या जो भी सिक्के लेने से मना कर रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
सजा का प्रावधान
नोट या सिक्के का जाली मुद्रण, जाली नोट या सिक्के चलाना और सही सिक्के को लेने से मना करना अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक जुर्माना, कारावास या दोनों का प्रावधान है. ऐसे में अगर आपसे कोई सिक्का लेने से मना करे तो उसकी आवश्यक सबूत के साथ कार्रवाई कर सकते हैं।