बीकानेर,बुजुर्ग, दिव्यांग,गंभीर बीमार व्यक्तियों केा इस बार घर से ही वोट देने की सुविधा दी गई है। शुक्रवार से यह वोटिंग शुरू हो गई। इसी दौरान वोटिंग टीमों ने ऐसे लोगों के घर जाकर मतदान करवाया जो चलने-फिरने में अक्षम है या बूथ तक नहीं जा सकते।
घरों का बूथ बनाया वहां सभी प्रक्रियाएं पूरी की गई। वोटिंग लिस्ट में नाम मिलान से लेकर पहचान के दस्तावेज देखे गए। पार्टियों के प्रतिनिधियों को भी इसकी सूचना दी गई। आखिरकार, डाक मतपत्र की तर्ज पर घर पर बैलेट पेपर से मतदान करवाया गया। यह क्रम अभी और चलेगा। इन वोटों की गिनती तीन दिसंबर को सभी वोटों के साथ ही होगी।
सुरेशचंद्र शर्मा, 80 वर्ष का हूं। मुझे यह बहुत अच्छा लगा कि निर्वाचन विभाग की टीम मेरे घर आई और मुझे घर बैठे वोट दिलवाया। मेरे पैरों में दिक्कत है, यह इतनी ज्यादा है कि पिछली बार तो वोट देने ही नहीं जा सका। ऐसे में निर्वाचन विभाग की इस पहल पर बहुत खुशी हुई।
मैं हस्तु तंवर 60 साल की हूं और इस बात पर मुझे बहुत खुशी हुई कि निर्वाचन विभाग की टीम ने घर आकर मतदान करवा लिया। बूथ तक जाना और लंबी कतार में लगना मुझे काफी परेशानीदायक लगता था। इस बार वोट देकर बहुत खुशी हुई है। इसमें कोइ्र दिक्कत नहीं हुई।
वोट फॉर होम’ किसके लिये और क्यों?
80 वर्ष से अधिक उम्र वाले और चलने-फिरने मंे असमर्थ दिव्यांगों को राजस्थान में पहली बार ‘वोट फ्रॉम होम’ का ऑप्शन दिया गया है। वोट फ्रॉम होम की प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हुई है। इसमें पहले चरण में 19 नवंबर तक टीमें अशक्त मतदाताओं के घर जाएगी, वोट डलवाएगी। इसके बाद भी कोई वंचित रहते हैं तो 20-21 नवंबर को फिर से टीमें उन घरों पर जाएगी।