Trending Now




बीकानेर,सड़क पर आई राजपरिवार की संपत्ति विवाद के बीच बीकानेर की विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी सिद्धी कुमारी पूरे मामले पर अपनी बात कहने मीडिया के सामने आई लेकिन वे बस इतना ही कह पाई, मैं सत्य की राह पर हूं। मुझ पर जो आरोप लगाए गए हैं वह  गलत है। चूंकि लीगल मामला है ऐसे में मैं कानूनी सलाह ले रही हूं, उसी अनुरूप काम करूंगी। पत्रकारों से बातचीत में सिद्धीकुमारी ने अधिकांश सवालों को टाल दिया। उनके साथ मौजूद भाजपा नेता सत्यप्रकाश आचार्य ने जहां विषय को बदलते हुए विकास और चुनावी मुद्दों की तरफ बात को डायवर्ट किया। आचार्य ने कहा, बीकानेर को लेकर भाजपा और सिद्धी कुमारी ने हमेशा विकास का नजरिया रखा है। सूरसागर इसका उदाहरण है। एलीवेटेड रोड के लिए भी भाजपा शासन में मंजूरी दी गई। बजट तक घोषित कर दिया लेकिन बाद में कांग्रेस सरकार ने मामला जानबूझकर लटका दिया।

सिद्धीकुमारी से बातचीत के दौरान मौजूद भाजपा नेता एडवोकेट मुमताज अली भाटी ने कहा, सिद्धीकुमारी ने चुनाव नामांकन के लिए जो शपथ-पत्र दाखिल किया उसमें उसी संपत्ति का जिक्र किया जो उन्हें वसीयत के आधार पर मिली है। यह विवरण शामिल करना आवश्यक होता है। वसीयत परिवार की शख्सियत की मंशा थी। उस मंशा या तथ्य पर कोई सवाल उठाता है तो मामला कोर्ट में हल होता है।

सिद्धीकुमारी की सांसद अर्जुनराम मेघवाल के घर जाकर हुई मुलाकात पिछले कई दिनों से चर्चा में है। चर्चा इसलिए क्योंकि सिद्धी सामान्यतया अर्जुनराम मेघवाल के सांसद सेवा केन्द्र नहीं जाती। आमतौर पर उन दोनों की मुलाकात पार्टी के किसी विशेष मंच पर ही होती है। इस मुलाकात पर जब सवाल हुआ तो बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र की विधायक बोली, वो हमने विकास के मुद्दों पर बात की। इसलिए मुलाकत की। यदा-कदा मिलते रहते हैं और विकास के लिए ही बात करते हैं।

दरअसल सिद्धीकुमारी ने अपने नामांकन-पत्र में 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति का ब्यौरा दिया है। इस ब्यौरे पर उनकी बुआ और प्रिंसेज राज्यश्री ने आपत्ति जताते हुए निर्वाचन आयोग को शिकायत की है। राज्यश्री ने कहा है कि सिद्धी ने गलत ब्यौरे दिये। जो संपत्ति उनकी नहीं है या विवादित है उसे अपना बताया। राज्यश्री के इन्हीं आरोपों पर कांग्रेस हमलावर हुई है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रितु चौधरी, संगठन महासचिव नितिन वत्सस, डा.पी.के.सरीन, कांग्रेस महासचिव राहुल जादूसंगत आदि ने निर्वाचन अधिकारी भगवतीप्रसाद कलाल और किरण डी. से मिलकर मामले की जांच करवाने और नामांकन खारिज करने की मांग उठाई है।

Author