बीकानेर,नई दिल्लीः देश के कई राज्यों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो चुकी है. दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक एयर क्वालिटी बेहद खराब दर्ज की जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो इन दिनों आसमान में केवल स्मॉग ही नजर आ रहा है.
लोगों को सांस संबंधित परेशानियां शुरू हो चुकी हैं. वहीं राज्य सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार बैठकें कर रही है और नए दिशा-निर्देश लागू किये जा रहे हैं. महाराष्ट्र में भी एयर क्वालिटी खराब हो चुकी है. ऐसे में कई राज्यों में पटाखों की खरीद-बिक्री पर रोक लगी दी गई है.
वहीं कई राज्यों में पटाखे जलाने को लेकर समय-सीमा तय की गई है. इन राज्यों में केरल, दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब शामिल हैं. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य को बाध्य करता है और यह केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक सीमित नहीं है, जो गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है. चूंकि दिवाली से पहले उत्तर भारत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरे के निशान को पार कर गया है, यहां उन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सूची दी गई है जिन्होंने पटाखों के उपयोग और बिक्री से संबंधित प्रतिबंधों की घोषणा की है.
दिल्ली
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस साल दिवाली के दौरान भी राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा. गोपाल राय ने कहा कि प्रतिबंध में पटाखों के निर्माण, स्टोरेज, बिक्री, ऑनलाइन डिलीवरी और किसी भी प्रकार के पटाखों को फोड़ना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पुलिस को पटाखों के लिए लाइसेंस जारी नहीं करने के लिए कहा गया है.
महाराष्ट्र
बॉम्बे हाई कोर्ट ने नगरपालिका अधिकारियों और पुलिस को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि दिवाली तक पटाखे केवल शाम 7 बजे से 10 बजे के बीच ही फोड़े जाएं और कहा कि नागरिकों को मुंबई में दिवाली के दौरान बीमारी मुक्त वातावरण और पटाखे फोड़ने के बीच चयन करना होगा. मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि वह पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध का आदेश नहीं देने जा रही है, लेकिन महानगर में बिगड़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को देखते हुए संतुलन बनाने की जरूरत है.
नागपुर में, आतिशबाजी की अनुमति केवल रात 8 बजे से 10 बजे तक है, जबकि अधिकृत पटाखों की दुकानें रात 11 बजे तक खुली रह सकती हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने पिछले सप्ताह पटाखा दुकानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद निर्देश जारी किए.
कर्नाटक
कर्नाटक राज्य सरकार ने अधिकारियों को इस दीपावली त्योहार पर केवल रात 8 बजे से 10 बजे के बीच पटाखे फोड़ने को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है. कर्नाटक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने नॉन-ईको-फ्रेंडली पटाखे बेचने वालों पर सख्ती बरती और केवल ‘हरित’ पटाखों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया.
पंजाब
पंजाब सरकार ने घोषणा की कि वह केवल दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल पर सीमित घंटों के दौरान ‘ग्रीन’ क्रैकर्स की बिक्री की अनुमति देगी. लुधियाना प्रशासन ने भी दिवाली, गुरुपर्व और क्रिसमस पर पटाखे फोड़ने की अनुमति देते हुए एक एडवाइजरी जारी की है. रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाए जा सकेंगे. लुधियाना की डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक, दिवाली पर रात 11:55 बजे से क्रिसमस पर रात 12:30 बजे तक अनुमति दी जाएगी.
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल ने इस दिवाली केवल क्यूआर कोड वाले हरित पटाखे बेचने का फैसला किया है. सारा बांग्ला, आतिशबाजी उन्नयन समिति के अध्यक्ष बबला रॉय ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “हमने कोलकाता में चार मुख्य बाजार स्थापित किए हैं, जो ताला, मैदान, बेहाला और कालिकापुर में हैं. ताला में कुल 44 दुकानें स्थापित की जाएंगी, जिनमें से सभी को ग्रीन क्रैकर्स बेचने की अनुमति है.” उन्होंने कहा, “पटाखा बाजार 6 नवंबर से 12 नवंबर तक सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुलेगा.”
बिहार
बिहार सरकार ने दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए राज्य की राजधानी पटना और तीन अन्य शहरों – गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में ग्रीन क्रैकर्स सहित सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. जहां तक अन्य शहरों और ग्रामीण इलाकों की बात है तो त्योहार के दौरान केवल हरित पटाखों का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा, वह भी रात 8 बजे से 10 बजे के बीच.
केरल
केरल सरकार ने दिवाली समारोह के दौरान पटाखे फोड़ने की अनुमति को रात 8 बजे से 10 बजे के बीच दो घंटे तक सीमित करने के आदेश जारी किए हैं. ये आदेश कम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों को सीमित करने वाले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के आधार पर जारी किए गए थे. आदेश में जिला मजिस्ट्रेटों और जिला पुलिस प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया कि उत्सवों में केवल हरित पटाखों का उपयोग किया जाए.