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बीकानेर, सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय विधि महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ सोमवार को हुआ। प्राचार्य डाॅ. भगवाना राम बिश्नोई ने बताया कि राजकीय विधि महाविद्यालय बीकानेर, राजस्थान उच्च शिक्षा परिषद एवं बीकानेर की ज्ञान विधि महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। डाॅ. बिश्नोई ने बताया कि संगोष्ठी मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर देश के ख्यातनाम शिक्षाविद अपने व्याख्यान प्रस्तुत करेगें।
राजस्थान उच्च शिक्षा परिषद के संयुक्त निदेशक डाॅ. जयभारत सिंह ने उद्घाटन समारोह में अपने उद्बोधन में संगोष्ठी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस प्रकार की संगोष्ठी के माध्यम से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूलभूत सिद्धान्तों से अवगत कराया जा सकेगा। डाॅ. जयभारत ने बताया की शिक्षा नीति के अनुरूप ही विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए सेमेस्टर प्रणाली को लागू कर दिया गया है।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राजूवास के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के.गहलोत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से विश्व के अनेक देशों के अनुरूप ही देश के विद्यार्थियों का विकास सम्भव हो सकेगा। डाॅ. गहलोत ने बताया कि अब विद्यार्थियों को लर्नर कहा जाना अधिक उपयुक्त रहेगा। उन्होनें बताया कि महाविद्यालयों में अब प्रोफेसर प्रेक्टिस की प्रथा को लागू किया जा सकेगा। डाॅ. गहलोत ने कहा कि विधि महाविद्यालय द्वारा आयोजित इस प्रकार की संगोष्ठी निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिये काफी सहायक सिद्ध होगी।
आयोजन सचिव डाॅ. कुमुद जैन ने बताया कि प्रथम तकनीकी सत्र में डाॅ. नरेन्द्र भोजक एवं द्वितीय तकनीकी सत्र मंें डाॅ. एम.आर. खत्री एवं प्रो. बजरंग सिंह ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। सत्रों की अध्यक्षता डाॅ. जी.पी.सिंह, डाॅ. अहमद अली, डाॅ. दीपाली गुप्ता, डाॅ. गजानन्द मोदी एवं डाॅ. बी.एल.बिश्नोई ने की।
कार्यक्रम में डूंगर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित, पूर्व प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. राजाराम चोयल ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मीनाक्षी कुमावत ने किया एवं डाॅ. भंवर लाल बिश्नोई ने आभार प्रकट किया।
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